Class 12 Chemistry chapter – 09

Chemistry

क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धांत (CFT)

क्रिस्टलक्षेत्र सिद्धांत (CFT) क्रिस्टलक्षेत्र सिद्धांत (CFT) H. बेथे द्वारा दिया गया था |  (1) जब लिगेंड केन्द्रीय धातु परमाणु के सम्पर्क में आते है तो केन्द्रीय धातु परमाणु के समान ऊर्जा वाले (समभ्रंश / degenerate) d कक्षक, असमान ऊर्जा वाले कक्षकों में विपाटन संकुल (split) हो जाते है |  (ii) d कक्षकों का यह विपाटन  […]

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उप सहसंयोजक यौगिक में बंधन

  उपसह संयोजक यौगिक में बंधन   संयोजकता बंध सिद्धान्त –  यह सिद्धान्त पॉलिंग व स्लेटर ने दिया था।   इस सिद्धान्त के मुख्य बिन्दु निम्न है:-   1) केन्द्रीय धातु परमाणु में अपनी समन्वय संख्या के बराबर रिक्त परमाणु कक्षक उपस्थित होते है जो संकरित होकर आबंधित परमाणु कक्षकों का एक समूह बनाते है

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समावयवता

  उपसहसंयोजन यौगिको में समावयवता   दो या दो से अधिक रासायनिक यौगिक जिनके अणु सूत्र समान हो परन्तु उनकी संरचना या त्रिविम व्यवस्था भिन्न हो समावयवी कहलाते है एवं इस प्रक्रम को समावयवता कहते है। ये यौगिक दो प्रकार की समावयवता प्रदर्शित करते है। (i) संरचनात्मक समावयवता (Structural Isomerism) (ii) त्रिविम समावयवता (Stereo Isomerism)

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उपसहसंयोजक यौगिकों का नामकरण

    उपसहसंयोजक यौगिकों का IUPAC नामकरण     आयनिक संकुल में धनायन का नाम पहले लिखते है और उसके बाद ऋणायन का नाम लिखते है । धनायन एवं ऋणायन की संख्या का उल्लेख नहीं करते है। उदासीन संकुल का नाम एक ही शब्द में लिखते है। समन्वयीमण्डल का नामकरण लिगैंड का नाम पहले लिखते

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