संयोजी ऊतक / Connective Tissue 

 

यह विभिन्न ऊतको एवं अंगों को आपस में जोडता है। यह निम्न प्रकार का होता है-

1. अस्थियाँ (Bones) :-

अस्थि संयोजी ऊतक का एक उदहारण है यह अस्थि’ पंजर का निर्माण कर शरीर को आकार प्रदान करती है | यह मांसपेशियों को सहारा देती है और शरीर के मुख्य अंगों को सहारा देती है | यह ऊतक मजबूत और कठोर होता है | अस्थि कोशिकाएँ कठोर आधात्री में धँसी होती है | जो कैल्शियम तथा फॉस्फोरस से बनी होती है |    

 

2. उपास्थियाँ (cartilages) :-

यह एक अन्य प्रकार का संयोजी ऊतक होता है | जिसमें कोशिकाओं के बीच पर्याप्त स्थान होता है, इसकी ठोस आधात्री प्रोटीन और शर्करा की बनी होती है | यह अस्थियों के जोड़ों को चिकना बनाती है | उपास्थि नाक, कान, कंठ और श्वास नली में भी उपस्थित होती है |  

 

3. स्नायु (Ligaments):-

यह अस्थियों को अस्थियों से जोड़ता है। इसलिए इसे अस्थि बंधान तन्तु भी कहते है | यह ऊतक बहुत लचीला एवं मजबूत होता है | स्नायु में आधात्री बहुत कम होती है | और अस्थियों को अस्थियों से जोड़ती है | 

 

4. कण्डरा (Tendon) :-

यह अस्थियों को पेशीयों से जोड़ता हैं। कण्डरा मजबूत तथा सीमित लचीलेपन वाले रेशेदार ऊतक होते है | 

 

5. रक्त (Blood) :-

रक्त एक प्रकार का तरल संयोजी ऊतक है | रक्त के तरल आधात्री भाग को प्लाज्मा कहते है | प्लाज्मा में लाल रक्त कणिकाएं (RBC), श्वेत रक्त कणिकाएं (WBC) तथा प्लेटलेट्स निलम्बित होते है | प्लाज्मा में प्रोटीन, नमक तथा हॉर्मोन भी होते है | रक्त गैसों, शरीर के पचे हुए भोजन, हॉर्मोन और उत्सर्जी पदार्थों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में संवहन करता है | 

Connective Tissue

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