Spearman’s Two Factor Theory / स्पीयर मैन का द्वि –  तत्व सिद्धांत 

 

बुद्धि का द्विकारक सिद्धांत (Two Factor Theory)- अमेरिका मनोवैज्ञानिक चार्ल्स स्पीयर मैन ने 1904 में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया। स्पीयरमैन का मानना था कि बुद्धि दो तत्वों से मिलकर बनी है।

 
1. सामान्य तत्व या योग्यता (General Ability or ‘G’ Factor)
 
2. विशिष्ट तत्व या योग्यता (Specific Ability or ‘S’ Factor)
 
सामान्य तत्व (G-Factor) विशिष्ट तत्व (S Factor)
यह जन्मजात होता है। यह वातावरण से सीखा (अर्जित) हो जाता है।
यह स्वभाविक होता है। अधिगम एवं प्रशिक्षण से इसे बदला जा सकता है।
विभिन्न व्यक्तियों में G-कारक का उपयोग अधिक होता है। एक व्यक्ति में कई विशिष्ट कारक होते है।
एक व्यक्ति में G-Factor एक ही होता है और यह S-Factor प्रत्येक S-Factor में सामान्य रूप से कार्य करता है।
एक विशिष्ट कारक का दूसरे विशिष्ट कारक में कोई संबंध नहीं है।
 
 
स्पीयर मैन ने जो कारक को वास्तविक मानसिक शक्ति कहाजिंदगी के विशेष क्षेत्र में सफलता के लिए S-Factor है क्योंकि यह सभी मानसिक क्रियाओं के लिए आवश्यक तथा जिम्मेदार होता है।
 
रिपयरमैन ने बुद्धि को दो शक्तियों या योग्यताओं का योग माना है। सामान्य योग्यता व्यक्तित्व को सभी प्रकार के कार्यों में सहायता करती है और विशिष्ट योग्यता, विशेष कार्यों में सहायक होती है। उदाहरणार्थ, कोई गणित में प्रवीण होता है, कोई कला में, कोई संगीत में और कोई विज्ञान आदि में। इस प्रकार विशेष कार्यों में प्रवीणता विशिष्ट बुद्धि-तत्व द्वारा प्राप्त होती है। सामान्य कार्य करने में सामान्य बुद्धि तत्व सहायक होता है।
 
‘G’ तत्व की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है-
 
1. यह तत्व सभी व्यक्तियों में पाया जाता है।.
2. यह तत्व जन्मजात होता है।
3. यह तत्व सदैव समान होता है।
4. सामान्य योग्यता में प्रत्येक व्यक्ति या बालक भिन्न होता है।
5. यह तत्च जिस व्यक्ति में अधिक. होता है, वह दूसरों की अपेक्षा जीवन में अधिक सफल रहता है।
6. यह तत्व जीवन में प्रायः सभी कार्यों के लिए अधिक आवश्यक होता है।
 
‘S’ तत्व की विशेषताएं होती है-
1. यह तत्व भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न अर्थात् कम य अधिक मात्रा में पाया जाता है।
2. यह तत्व क्रिया-विशिष्ट होता है अर्थात् भिन्न-भन्न क्रियाओं के लिए भिन्न प्रकार के विशिष्ट तत्व होते है।
3. व्यक्ति में जिस विशिष्ट तत्व की अधिकता होती है, वह उसी में निपुण होता है।
4. विशिष्ट तत्व को अर्जित किया जा सकता है।
5. भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न प्रकार के विशिष्ट तत्व होते है। यह व्यक्तिगत भिन्नता का एक कारण होता है।

S कारक व G कारक में सहसम्बन्ध

Spearmans Two Factor Theory
Intelligence = G.F.+S.F. (S1,S2,S3…)
 
आलोचना :– स्पीयर मैन का मानना है कि बुद्धि वो तत्वों से मिलकर बनी है तो फिर बुद्धि में S1,S2,S3,S4… आदि ये अनगिनत तत्व क्या है?
 
• स्पीयरमैन का मानना है कि एक कारक का दूसरे S कारक से कोई संबंध नहीं होता, लेकिन प्रयोग में यह पाया गया कि ये सब के सब S कारक G-Factor से जुडे होते है।
 
नोट-इंसान में 95 प्रतिशत बुद्धि सामान्य होती है। 5 प्रतिशत बुद्धि विशिष्ट बुद्धि होती है। इसे व्यक्ति अपने प्रयासों से प्राप्त करते है।
 
 

3. स्पीयर मैन का त्रि – तत्व सिद्धान्त (Three-factor Theory)

इस सिद्धान्त के प्रवर्तक भी स्पीयर मैन हैं। इस सिद्धांत को 1925 में दिया गया। स्पीयरमेन ने बुद्धि के S और G तत्वों के साथ एक और ‘सामूहिक तत्व’ जोड़ दिया। यह सिद्धान्त भी विवादास्पद रहने के कारण सर्वमान्य नहीं हो सका। स्पीयरमैन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अपने द्विकारक सिद्धान्त S,S,S,S, इन सभी योग्यताओं को एक समूह मानकर इन्हें समूह तत्व नाम दिया।
 

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