Gupta and Post Gupta Empire
212. प्रयाग प्रशस्ति (जिसे इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख के रूप में भी जाना जाता है) हमें ………… की उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
(a) श्रीगुप्त
(b) अशोक
(c) चंद्रगुप्त-प्रथम
(d) समुद्रगुप्त
RRB NTPC (Stage-2) 17/06/2022 (Shift-III)
Ans. (d): प्रयाग प्रशस्ति से हमें गुप्त शासक समुद्रगुप्त के बारे में जानकारी मिलती है। यह समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित है, इसमें उन राज्यों का वर्णन है, जिन पर समुद्रगुप्त ने विजय प्राप्त की थी। इसे इलाहाबाद स्तम्भ लेख के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रशस्ति को मूल रूप से कौशाम्बी में अशोक के स्तम्भपर उकेरा गया था। अकबर के समय जहाँगीर इसे इलाहाबाद में स्थापित करवाया था। इस प्रशस्ति की भाषा संस्कृत तथा शैली चम्पू है। इसमें कुल 33 पंक्तियाँ हैं।
213. हर्षवर्धन, निम्नलिखित में से किस वंश से संबंधित था ?
(a) पुष्यभूति वंश
(b) चालुक्य वंश
(c) मौर्य वंश
(d) गुप्त वंश
RRB NTPC (Stage-2) 12/06/2022 (Shift-II)
Ans. (a): सम्राट हर्षवर्धन (606-647ई) उत्तर भारत में सातवीं शताब्दी के शक्तिशाली राज्य थानेश्वर के पुष्यभूति वंशी शासक प्रभाकरवर्धन का पुत्र था। इसने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाई तथा सम्म्राट हर्ष ने ‘रत्नावली’, ‘प्रियदर्शिका’ और ‘नागानंद’ नामक नाटकों की रचना की।
214. रविकीर्ति का ऐहोल शिलालेख, पुलेकिशन द्वितीय की पर विजय के बारे में विस्तार से वर्णन करता है।
(a) कीर्तिवर्मन् प्रथम
(b) खारवेल
(c) समुद्रगुप्त
(d) हर्ष
RRB NTPC (Stage-2) 17/06/2022 (Shift-I)
Ans. (d): ऐहोल शिलालेख रविकीर्ति द्वारा लिखा गया था जो पुलकेशिन द्वितीय के शासनकाल में एक जैन कवि था। रविकीर्ति का ऐहोल शिलालेख, पुलकेशिन द्वितीय की हर्ष पर विजय के बारे में विस्तार से वर्णन करता है। ऐहोल शिलालेख कर्नाटक में स्थित है।
215. निम्न में से कौन हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था ?
(a) जुआन जांग (ह्वेन सांग)
(b) फाहियान
(c) इब्न बतूता (अबू अब्दुल्ला मुहम्मद इब्न बतूता)
(d) मार्को पोलो
RRB NTPC (Stage-2) 17/06/2022 (Shift-I)
Ans. (a):
शासकों का शासनकाल | राजदूत (विदेशी यात्री) |
हर्षवर्धन |
हेनसाँग
|
चन्द्रगुप्त द्वितीय | फाहियान |
मो. बिन तुगलक
|
इब्नबतूता |
महमूद गजनवी | अलबरूनी |
मारवर्मन कुलशेखर | मार्कोपोलो |
216. उस महान व्यक्ति का नाम बताएं, जिसने भारत में बीजगणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया ?
(a) चरक
(b) ब्रह्मगुप्त
(c) वराहमिहिर
(d) आर्यभट्ट
RRB NTPC 07.04.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (d):
आर्यभट्ट प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे।
जिन्होने बीजगणित के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
आर्यभट्ट का जन्म पटना के कुसुमपुर में हुआ था।
[व्यक्ति ] | [ कार्य क्षेत्र ] |
(1) चरक
|
महर्षि और आयुर्वेद विशारद |
(2) ब्रह्मगुप्त | भारतीय गणितज्ञ |
(3) वराहमिहिर | भारतीय गणितज्ञ |
217. इनमें से कौन राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे ?
(a) आनंद भट्ट
(b) वल्लाल
(c) जयचंद्र
(d) बाणभट्ट
RRB NTPC 08.02.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (d) : बाणभट्ट राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ नामक पुस्तक की रचना की, जिसमें हर्षवर्धन के शासनकाल की जानकारी मिलती है। चीनी यात्री ह्वेनसांग हर्षवर्धन के शासन काल में भारत आया था। हर्षवर्धन स्वंय साहित्यकार था। प्रियदर्शिका, रत्नावली, नागानन्द की रचना हर्षवर्धन ने की थी।
218. चीनी यात्री ह्वेनसांग (Hiuen Tsang) किसके शासनकाल में भारत आया था।
(a) कीर्तिवर्मन
(b) पुलकेशिन द्वितीय
(c) हर्षवर्धन
(d) विक्रमादित्य
RRB NTPC 12.03.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (c): हेनसांग, हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था। ह्वेनसांग 629 ई. में चीन से भारत के लिए प्रस्थान किया। भारत से वह 645 ई. में चीन लौट गया। वह नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने तथा भारत से बौद्ध ग्रन्थों के संग्रह के लिए आया है था। इसका भ्रमण वृत्तांत ‘सी-यू-की’ नाम से प्रसिद्ध है। ध्यातव्य कि हेनसांग के अध्ययन के समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य शीलभद्र थे।
219. …….. एक चीनी बौद्ध भिक्षु था, जिसने नालंदा में बौद्ध शास्त्रों का अध्ययन किया था और 627 से 643 ईसवी तक भारत की 17 वर्ष की लंबी यात्रा के लिए प्रसिद्ध है-
(a) मेगस्थनीज
(b) अलबरूनी
(c) ह्वेनत्सांग
(d) फाहियान
RRB ALP & Tec. (17-08-18 Shift-III)
Ans – (c)
220. इनमें से कौन हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था ?
(a) फाहियान
(b) अलबरुनी
(c) इत्सिंग
(d) ह्वेनसांग
Ans – (D)
221. इनमें से कौन सा चीनी यात्री नालंदा आया और छात्र और शिक्षक दोनों के रूप में रहा ?
(a) फाहियान
(b) कुबलई खान
(c) ह्वेनसांग
(d) इत्सिंग
RRB JE-26/05/2019 (Shift-II) |
Ans: (c) चीनी यात्री ह्वेनसांग हर्षवर्धन के शासन काल में नालंदा आया तथा छात्र और शिक्षक दोनों के रूप में रहा।
222. बाणभट्ट किस राजा के दरबारी कवि थे ?
(a) चंद्रगुप्त
(b) हर्षवर्धन
(c) अशोक
(d) समुद्रगुप्त
RRB NTPC 01.03.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (b) : बाणभट्ट सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य लेखक और कवि थे। ये राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। इनके दो प्रमुख ग्रन्थ हर्षचरितम् तथा कादम्बरी है। इनके दोनो ग्रन्थ संस्कृत साहित्य के महत्वपूर्ण ग्रंथ माने जाते हैं।
223. निम्नलिखित में से कौन चंद्रगुप्त द्वितीय के नौ रत्नों में से एक है ?
(a) वराहमिहिर
(b) मोगल्लना
(c) विशाखदत्त
(d) ब्रह्मगुप्त
RRB NTPC 07.01.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (a): चन्द्रगुप्त द्वितीय को विक्रमादित्य के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 375 से 415 ई. तक शासन किया। गुप्त साम्राज्य का यह समय भारत का स्वर्णिम युग भी कहा जाता है। चन्द्रगुप्त ने गुप्त सम्वत की शुरुआत की। साँची अभिलेख में उन्हें ‘देवराज’ कहा गया है। चन्द्रगुप्त के दरबार में नवरत्न निवास करते थे, जिनमें कालिदास, वराहमिहिर, धन्वन्तरि, घटखर्पर, शंकु, अमर सिंह, वेताल भट्ट, क्षपणक, वररुचि थे।
224. इनमें से किसे ‘भारत के नेपोलियन’ के नाम से जाना जाता है ?
(a) स्कंन्दगुप्त
(b) समुद्रगुप्त
(c) चंद्रगुप्त
(d) कुमारगुप्त
RRB NTPC 13.01.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (b): समुद्रगुप्त वह चन्द्रगुप्त प्रथम का पुत्र था। वह गुप्त वंश का एक महान योद्धा तथा कुशल सेनापति था। समुद्रगुप्त की विजयों के कारण इतिहासकार विंसेंट स्मिथ ने अपनी पुस्तक ‘अर्ली हिस्ट्री ऑफ इण्डिया’ में समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा था। उपाधियाँ- पराक्रमांक, अप्रतिरथ, सर्वराजोच्छेता, लिच्छवी दौहित्र आदि समुद्रगुप्त की उपाधियां हैं।
225. प्राचीन भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण शासकों में से एक, चंद्रगुप्त द्वितीय की पुत्री का नाम बताएं।
(a) लोपामुद्रा
(b) रुद्रमा देवी
(c) पार्वती गुप्त
(d) प्रभावती गुप्त
RRB NTPC 19.01.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (d) चन्द्रगुप्त द्वितीय (375-415 ई.) गुप्त वंश का शक्तिशाली शासक था। इसने वैवाहिक संबंध और विजय दोनों तरह से साम्राज्य की सीमा का विस्तार किया। अपनी वैवाहिक नीति को इसने दो पड़ोसी राज्य नागाओं और वाकाटक के खिलाफ निर्देशित किया। इन दो शक्तियों को जीतना चन्द्रगुप्त द्वितीय के लिए बहुत आवश्यक था ताकि शक क्षत्रपों को वश में किया जा सकें। सबसे पहले चन्द्रगुप्त ने नाग राजकुमारी कुबेरनागा से शादी की और इनकों मित्र बनाया तथा चन्द्रगुप्त अपनी बेटी प्रभावती गुप्त का विवाह महाराष्ट्र के वाकाटक शासक रुद्रसेन द्वितीय से किया। इस तरह वह महाराष्ट्र और मध्य भारत में अपनी शक्ति को मजबूत किया।
RRB NTPC 05.04.2021 (Shift-II) Stage Ist
226 . विक्रमादित्य किस प्रसिद्ध गुप्त शासक का एक अन्य नाम है ?
(a) कुमार गुप्त द्वितीय
(b) चंद्र गुप्त प्रथम
(c) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(d) राम गुप्त
RRB NTPC 19.01.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (c) चन्द्रगुप्त द्वितीय जिनको संस्कृत में विक्रमादित्य या चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है, गुप्त वंश के एक शक्तिशाली सम्राट थे। चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य), समुद्रगुप्त के उत्तराधिकारी थे। इनके शासन काल में चीनी बौद्ध यात्री फाह्यान भारत आया।
227. सुप्रसिद्ध काव्य ‘मेघदूत’ इनमें से किसकी कृति है ?
(a) सत्तनार
(b) प्रेमचंद
(c) कालिदास
(d) इलांगो
RRB NTPC 05.03.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (c): कालिदास तीसरी चौथी शताब्दी में गुप्त साम्राज्य में संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास का एक प्रसिद्ध नाटक है।
कालिदास की प्रमुख कृतियाँ निम्न हैं-
नाटक – अभिज्ञानशाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम, मालविकाग्निमित्रम्
महाकाव्य – रघुवंशम् और कुमारसंभवम्
खण्डकाव्य – मेघदूतम् और ऋतुसंहारम्
228. प्रशस्ति में किस राजवंश के शासकों ने अपनी उपलब्धियाँ लिखी ?
(a) राजपूत वंश
(b) गुप्त वंश
(c) मुगल वंश
(d) खिलजी वंश
RRB NTPC 08.03.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (b): गुप्त वंश के अन्तर्गत शासकों ने प्रशस्ति में अपनी उपलब्धियाँ लिखवायी थी। प्रशस्ति अपने शासकों की प्रशंसा में कवियों द्वारा रचित शिलालेखों की एक भारतीय शैली है। प्रशस्ति का सबसे पहला प्रसिद्ध उदाहरण खारवेल का हाथीगुम्फा शिलालेख है जो प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में लगभग पहली शताब्दी ईसा पूर्व में लिखा हुआ माना जाता है।
229. गुप्त साम्राज्य के निम्नलिखित राजाओं में से कौन एक अच्छा वीणावादक भी था ?
(a) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
(b) समुद्रगुप्त
(c) कुमारगुप्त
(d) चंद्रगुप्त प्रथम
RRB NTPC 01.02.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (b): चन्द्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी समुद्रगुप्त हुआ, समुद्र गुप्त को गुप्त वंश का महानतम शासक एवं एक अच्छा वीणावादक के रूप में भी जाना जाता है। इसने आर्यावर्त के 9 शासकों और दक्षिणावर्त के 12 शासकों को पराजित किया। इन्हीं विजयों के कारण इसे भारत का नेपोलियन कहा जाता है। समुद्रगुप्त विष्णु का उपासक था, और इसे संगीत-प्रेमी भी कहा गया। ऐसा अनुमान उसके सिक्कों पर उसे वीणा-वादन करते हुए दिखाया जाने से लगाया गया है।
230. किस युग को प्राचीन भारत का स्वर्ण युग कहा जाता है ?
(a) मौर्य साम्राज्य, तीसरी शताब्दी
(b) चोल साम्राज्य, तीसरी शताब्दी
(c) गुप्त साम्राज्य, चौथी शताब्दी
(d) कुषाण साम्राज्य, पहली शताब्दी
RRB NTPC 17.02.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (c): गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, धार्मिक सहिष्णुता, आर्थिक समृद्धि तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है।
• मूर्तिकला के क्षेत्र में देखें तो गुप्तकाल में भरहुत अमरावती, सांची तथा मथुरा इस काल की प्रसिद्ध मूर्तियों के निर्माण का काल था।
• चित्रकारी के क्षेत्र में अजन्ता, एलोरा तथा बाघ की गुफाओं में की गई चित्रकारी है।
• विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में आर्यभट्ट जहाँ पृथ्वी की त्रिज्या की गणना की और सूर्य-केन्द्रित ब्रह्माण्ड का सिद्धान्त दिया वही दूसरी ओर वराहमिहिर ने चन्द्र कैलेण्डर की शुरुआत की।
231. किस काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा गया है ?
(a) मगध काल
(b) मुगल काल
(c) मौर्य काल
(d) गुप्त काल
RRB NTPC 30.01.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (d): उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
232. नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व के महान प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक तथा महत्वपूर्ण बौद्ध शैक्षणिक उत्कृष्टता केंद्र माना जाता हैं। इसकी स्थापना किस भारतीय शासक ने की थी ?
(a) हर्ष वर्धन
(b) चन्द्रगुप्त मौर्य
(c) कुमारगुप्त प्रथम
(d) अशोक
RRB NTPC 28.01.2021 (Shift-II) Stage Ist
Ans. (c) नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व के महान प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक महत्वपूर्ण केन्द्र माना जाता है। इसकी स्थापना गुप्तवंश के शासक कुमारगुप्त-1 (415-455 ई. पू.) ने बिहार राज्य के नालंदा जिले में करवाया था। महायान बौद्ध धर्म के इस विश्वविद्यालय में हीनयान बौद्ध के साथ अन्य धर्मों की शिक्षा दी जाती थी। हेनसांग के समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति शीलभद्र थे। 1193 ई. में तुर्क सेनापति बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था।
233. चंद्रगुप्त प्रथम के बाद गुप्त साम्राज्य की बागडोर किसने संभाली ?
(a) ब्रह्मगुप्त
(b) समुद्रगुप्त
(c) शूद्रक
(d) श्री गुप्त
RRB NTPC 25.01.2021 (Shift-I) Stage Ist
Ans. (b): चंद्रगुप्त प्रथम के बाद गुप्त साम्राज्य की बागडोर समुद्रगुप्त ने संभाली। समुद्रगुप्त, गुप्त राजवंश के चौथे शासक थे।
234. हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद, प्रतिहार, पाल एवं राष्ट्रकूट वंश के राजाओं ने …….. पर आधिपत्य प्राप्त करने के लिए दूसरे के साथ युद्ध किया।
(a) बादामी
(b) कन्नौज
(c) दिल्ली
(d) गुजरात
RRB Group-D 12-11-2018 (Shift-III)
Ans. (b) हर्ष के पश्चात् कन्नौज विभिन्न शक्तियों का केंद्र बन गया। आठवीं शताब्दी में कन्नौज पर अधिकार करने के लिये तीन बड़ी शक्तियों-पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट के बीच संघर्ष आरंभ हो गया। यह संघर्ष लगभग 200 वर्षों तक चला। त्रिपक्षीय संघर्ष के फलस्वरूप कन्नौज पर अंतिम रूप से गुर्जर-प्रतिहार शासकों का अधिकार हो गया।
235. चौथी शताब्दी की शुरूआत में, गुप्तों ने ……… में एक छोटा सा साम्राज्य स्थापित कर लिया था ?
(a) वातापी
(b) अवध
(c) मगध
(d) मालवा
RRB ALP & Tec. (21-08-18 Shift-I)
Ans: (c) चौथी शताब्दी में उत्तर भारत के मगध में एक नए वंश का उदय हुआ। इस वंश का नाम गुप्त वंश था। इस वंश के संस्थापक श्रीगुप्त थे। मौर्य वंश के पतन के पश्चात् नष्ट हुई मगध की राजनीतिक एकता को पुनः स्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है।
236. निम्नलिखित में से कौन सा नगर गुप्त वंश की राजधानी था ?
(a) पाटलिपुत्र
(b) कौशल
(c) काशी
(d) उज्जैन
RRB JE-30/05/2019 (Shift-1)
Ans: (a) कुषाणों के पतन के बाद उत्तर भारत में अनेक राज्यों का उदय हुआ, जिनमें से मगध में गुप्त राजवंश भी एक था। गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त था। इसके बाद घटोत्कच शासक हुआ। गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक चन्द्रगुप्त प्रथम को माना जाता है। गुप्तों की राजधानी ‘पाटलिपुत्र’ (आधुनिक पटना) थी।
237. गुप्त साम्राज्य के वास्तविक संस्थापक कौन थे ?
(a) चंद्रगुप्त II
(b) समुद्रगुप्त
(c) श्री गुप्त
(d) घटोत्कच
RRB NTPC Stage It 28.04.2016 (Shift-II)
Ans : (c) गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त था, जिसने महाराज की उपाधि धारण की थी। श्रीगुप्त के बाद उसका पुत्र ‘घटोत्कच’ गुप्त वंश का शासक बना। इसके बाद चंद्रगुप्त प्रथम राजा बना, जो गुप्त वंश का शक्तिशाली शासक था। चन्द्रगुप्त प्रथम को ही गुप्त वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
238. गुप्त काल के दौरान चीन के किस यात्री ने भारत का भ्रमण किया था ?
(a) हियुन सँग
(b) फाहियान
(c) आई चिंग
(d) ली क्सियु
RRB NTPC 16.04.2016 (Shift-I) Stage 1″
Ans : (b) गुप्तकाल के दौरान चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था। वह चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में आया था। फाह्यान की भारत यात्रा का उद्देश्य बौद्ध हस्तलिपियों एवं बौद्ध स्मृतियों को खोजना था इसलिए फाह्यान ने उन्हीं स्थानों के भ्रमण को महत्व दिया जो बौद्ध धर्म से सम्बन्धित थे।
239. हर्षवर्धन के राजसभा कवि कौन थे ?
(a) जयदेव
(b) बाणभट्ट
(c) चंद्रबरदाई
(d) विल्हण
RRB Group-D 15-10-2018 (Shift-II)
Ans. (b) बाणभट्ट हर्षवर्धन की राजसभा के दरबारी कवि थे। ये संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे। इन्होंने ‘हर्षचरित’ एवं ‘कादम्बरी’ की रचना की थी। चन्द्रबरदाई, पृथ्वीराज चौहान के राजकवि थे। इन्होंने ‘पृथ्वीराज रासो’ की रचना की थी। जयदेव, लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। इन्होंने ‘गीत गोविन्द’ की रचना की थी।
240. हर्ष की मृत्यु के बाद सातवीं शताब्दी के आसपास प्रभुत्व में आए और उनके काल को भारत के अंधे युग के रूप में माना जाता था।
(a) राजपूत
(b) अंग्रेज
(c) तुर्क
(d) मुगल
RRB Group-D 30-10-2018 (Shift-I)
Ans: (a) हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात उसका सम्पूर्ण साम्राज्य छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया, जिसमें अधिकांश राज्य के शासक राजपूत जाति के थे। 7वीं से 12वीं सदी, भारतीय इतिहास में राजपूत युग के नाम से जानी जाती है। हर्ष की मृत्यु के बाद राजपूतों (गुर्जर-प्रतिहार, पाल तथा राष्ट्रकूटों) में त्रिकोणात्मक संघर्ष हुआ जिसमें गुर्जर प्रतिहार वंश विजयी हुए और कन्नौज पर उनका अधिपत्य हुआ।
241. चंद्रगुप्त द्वितीय ने गुप्त साम्म्राज्य का …….ईस्वी में गुजरात तक विस्तार कर लिया था।
(a) 930
(b) 903
(c) 309
(d) 390
RRB Group-D 03-10-2018 (Shift-II)
Ans : (d) चन्द्रगुप्त द्वितीय ने गुप्त साम्राज्य का 390 ईस्वी में गुजरात तक विस्तार कर लिया था।
242. चीनी यात्री इत्सिंग (1-tsing) ……… में तीन वर्ष ठहरकर संस्कृत सीखा था।
(a) ताम्रलिप्ति
(b) नालंदा
(c) पाटलिपुत्र
(d) बोध गया
RRB Group-D 22-10-2018 (Shift-II)
Ans. (a) इत्सिंग चीनी बौद्ध यात्री था। यह सातवीं शताब्दी के अन्त में भारत आया। वह दक्षिण के समुद्री मार्ग से होकर भारत आया। सुमात्रा तथा लंका होते हुए वह ताम्रलिप्ति पहुँचा जहाँ तीन वर्षों तक रहकर संस्कृत का अध्ययन किया।