हावर्ड गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धान्त

(Gardner’s Multiple Intelligence Theory) 

 
गार्डनर (1983) द्वारा इन्होंने बताया कि बुद्धि का स्वरूप एकाकी न होकर बहुकारकीय होता है। इस सिद्धान्त का आधार उनके द्वारा किये गये न्यूरोमनोविज्ञान तथा मनोमितिक विधियों के क्षेत्र में किये गये शोध है। गार्डनर का मानना है कि कई प्रकार की बुद्धि या दिमाग के फ्रेम होते है, उसके द्वारा सुझाई गई बुद्धि की श्रेणी प्रकृतिवादी कौशल है।
 
गार्डनर के बुद्धि के मूलतः सात (7) प्रकार बताये। 1998 में 8वां प्रकार तथा 2000 में 9वीं प्रकार भी जोड़ा गया।
 
वर्तमान में गार्डनर के अनुसार बुद्धि के (9) प्रकार है।
 
(i) भाषायी बुद्धि (Linguistic Intelligence) भाषायी बुद्धि में वाक्यों तथा शब्दों की बोथ क्षमता शब्दावती शब्दों के क्रमों के बीच के सम्बन्धों को पहचानने की क्षमता सम्मिलित होती है। जैसे – कवि, पत्रकार, लेखक, व्याख्याता एवं वकील | 
 
(ii) तार्किक गणितीय बुद्धि-इस बुद्धि में तर्क करने की क्षमता, गणितीय समस्याओं का समाधान करने के क्षमता होती है। जैसे :- दार्शनिक, वैज्ञानिक, गणितज्ञ |
 
(iii) स्थानिक वृद्धि (Spatial Intelligence) इसमें स्थानिक चित्र को मानसिक रूप से परिवर्तन करने की क्षमता तथा स्थानिक कल्पना शक्ति करने की क्षमता। जैसे – मूर्तिकार , नेविगेटर, इंजीनियर, सर्वेक्षण अधिकारी | 
 
(iv) शारीरिक गतिक बुद्धि (Body Kinesthetic Intelligence )- इस तरह की बुद्धि में अपनी शारीरिक गति पर नियन्त्रण रखने की क्षमता तथा वस्तुओं की सावधानी पूर्वक एवं प्रवीण ढंग से घुमाने और उपयोग करने की क्षमता। जैसे-व्यायामी (Gymnast), किकेट खिलाड़ी, टैनिस खिलाड़ी, न्यूरोसर्जन, शिल्पकार (Artistic) आदि में अधि एक होती है।
 
(v) सांगीतिक बुद्धि (Musical Intelligence) इसमें तारत्व (Pitch) तथा लय (Rhythm) को सही-सही ढंग से प्रत्यक्षण करने की क्षमता सम्मिलित होती है। जैसे-गीतकार एवं संगीतकार।
 
(vi) अंतर् वैयक्तिक / व्यक्तिगत आत्मन बुद्धि (Inter Personal / Personal Self Intelligence) इस तरह की बुद्धि में अपने भावों व संवेगों को मॉनीटर करने की क्षमता तथा उनमें विभेद करने की क्षमता तथा मानव व्यवहार को निर्देशित करने में उन सूचनाओं को उपयोग करने की क्षमता आदि सम्मिलित होती है। इसे अन्तरा वैयक्तिक बुद्धि भी कहा जाता है। जैसे –  चिकित्सक, विक्रय अधिकारी, राजनेता |
 
(vii)  व्यक्तिगत अन्य बुद्धि (Intrapersonal Intelligence) इसमें दूसरे व्यक्तियों की प्रेरणाओं इच्छाओं एवं आवश्यकताओं को समझने की क्षमता तथा उनकी मनोदशाओं (Moods) को मॉनीटर करके किसी नई परिस्थिति में किस तरह से व्यवहार करेगा के बारे में पूर्वकथन करने की क्षमता आदि होती है। इसे अन्तर वैयक्तिक बुद्धि (Interpersonal Intelligence) भी कहते है। जैसे – योगी, संत आदि | 
 
(viii) प्रकृतिवाद बुद्धि (Naturalistic Intelligence) – इसे 1998 के संशोधन के बाद जोड़ा है इससे तात्पर्य व्यक्ति की प्रक्ति (Nature) में जो पैटर्न तथा सममिति (Symmetry) मौजूद होतें है उसे सही-सही पहचान करने की क्षमता से होती है। जैसे किसानों, जैव-विज्ञान (Biologist) वनस्पति वैज्ञानिक (Botanist) आदि में। जैसे – किसान, जीव वैज्ञानिक तथा वनस्पति वैज्ञानिक |
 
(ix) अस्तित्ववादी बुद्धि – इसे सन 2000 ई. के संशोधन में जोड़ा। इससे तात्पर्य है मानव संसार के बारे में छिपे रहस्यों को जिन्दगी, मौत तथा मानव अनुभूति के वास्तविकता के बारे में उपयुक्त प्रश्न पूछकर जानने की क्षमता से होती है। जैसे दार्शनिक, चिंतकों में।
 
गार्डनर के अनुसार-विशेष- प्रत्येक सामान्य व्यक्ति में उपर्युक्त नी तरह की बुद्धि होती है परन्तु कुछ विशेष कारणों (अनुवशिंकता, प्रशिक्षण) के कारण किसी व्यक्ति में कोई बुद्धि अधिक विकसित हो जाती है । अगर किसी कारण से मस्तिष्क क्षतिग्रस्त (Brain damage) हो जाने पर एक तरह की बुद्धि क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो इसका प्रभाव दूसरे तरह की बुद्धि पर नहीं पड़ता।
 

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