Educational Psychology : Meaning and Definition

शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) शिक्षा तथा शिक्षण के विषय के अंतर्गत अध्ययन कराया जाने वाला व्यावहारिक विज्ञान है | शिक्षा अनादि काल से चली आ रही मानव व्यवहार को परिमार्जित करने वाली प्रक्रिया रही है | शिक्षा ने मनुष्य को सामाजिक मान्यताओं के अनुसार विकसित करने में विशेष योग दिया है | शिक्षा चूँकि मानव व्यवहार के परिमार्जन का सशक्त अंग है, अत: मनोविज्ञान से इसका सीधा सम्बन्ध रहा है | शिक्षा – मनोविज्ञान को समझने के लिए हमें पहले शिक्षा तथा मनोविज्ञान शब्दों को समझना होगा |

शिक्षा का आधुनिक अर्थ (Modern meaning of education)

‘ शिक्षा ‘ शब्द को लेकर आज भी एकमतता नहीं है | स्कूल में पठन – पाठन को शिक्षा का वास्तविक रूप माना जाता है | वास्तव में ऐसा नहीं है | महात्मा गाँधी ने शिक्षा को सर्वांगीण विकास (शरीर, आत्मा तथा मस्तिष्क के विकास ) की प्रक्रिया माना है प्राचीन काल में भारतीय मनीषियों ने सा विद्या या विमुक्तये कहकर शिक्षा का लक्ष्य निर्धारित किया था इसका महत्व इतना अधिक था कि इसे मनुष्य का तीसरा नेत्र कहा गया – ज्ञानं मनुजस्य तृतीय नेत्रं |

शिक्षा शब्द संस्कृत की शिक्ष् धातु से बना है और इसका अर्थ है सीखना | सीखने की प्रक्रिया शिक्षक, छात्र तथा पाठ्यक्रम द्वारा सम्पादित होती है | अंग्रेजी भाषा का शब्द एजुकेशन लैटिन भाषा के एडुकेयर (Educare) , एडुसीयर (Educere) या एजुकेटम (Educatum) से बना है | जिसका अर्थ है नेतृत्व देना, बाहर लाना या अंदर से बाहर लाना अर्थात् शिक्षा के द्वारा व्यक्ति की जन्मजात शक्तियों को अंदर से बाहर की ओर उचित में विकसित करने का प्रयास किया जाता है |

आधुनिक समय से ‘ शिक्षा ‘ शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में किया जाता है | उसके एक मुख्य अर्थ का उल्लेख करते हुए डगलस व जी. हॉलैंड ने लिखा है – ” शिक्षा शब्द का प्रयोग उन सब परिवर्तनों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है, जो एक व्यक्ति में उसके जीवन – काल में होते है | “

” The term ‘ education ‘ is used to designate all the changes that take place in an individual during the course of his life. “Douglas and G. Holland

व्यक्ति अपने जन्म के समय असहाय होता है और दूसरों की सहायता से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता है | जैसे – जैसे वह बड़ा होता है वैसे – वैसे वह उनकों पूरा करना और अपने वातावरण से अनुकूलन करना सीखता है | इन कार्यों में शिक्षा उसे विशेष योगदान देती है | शिक्षा न केवल उसे अपने वातावरण से अनुकूलन करने में सहायता देती है, वरन् उसके व्यवहार में ऐसे वांछनीय परिवर्तन करती है कि वह अपना और अपने समाज का कल्याण करने में सफल होता है | शिक्षा इन कार्यों को सम्पन्न करके ही सच्ची शिक्षा कहलाने की अधिकारिणी हो सकती है | संभवत: इसी विचार से प्रेरित होकर डॉ. राधाकृष्णन ने लिखा है – ” शिक्षा को मनुष्य और समाज का निर्माण करना चाहिए | इस कार्य को किए बिना शिक्षा अनुर्वर और अपूर्ण है | “

” Education should be man – making and society – making. Education without this remains poor and incomplete. “ Dr. Radhakrishnan.

शिक्षा की आधुनिक परिभाषाएं (Modern Definitions of Education)

प्राचीन काल से शिक्षा की परिभाषा तथा व्याख्या विद्वज्जनों ने अपने – अपने ढंग से की है | आधुनिक युग में शिक्षा का कार्य केवल ज्ञान देना मात्र नहीं है | प्राचीन काल की परिभाषाओं में प्लेटो शिक्षा को शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक विकास की प्रक्रिया माना है | आधुनिक युग में विकसित नवचिन्तन ने शिक्षा की परिभाषायें इस प्रकार दी है |

  1. फ्रेडसन के अनुसार – ” आधुनिक शिक्षा का सम्बन्ध व्यक्ति और समाज, दोनों के कल्याण से है | ” “Modern Education is concerned with welfare of both the individual and society “
  2. डमविल के अनुसार – ” अपने व्यापक अर्थ में शिक्षा में वे सब प्रभाव सम्मिलित रहते है, जो व्यक्ति पर उसके जन्म से लेकर मृत्यु तक पड़ते है | ” “Education, in its widest sense, includes all the influences which act upon an individual during his passage from the cradle to the grave. “
  3. यूलीच के अनुसार – ” शिक्षा व्यक्तियों की, व्यक्तियों के द्वारा और व्यक्तियों के लिए की जाने वाली प्रक्रिया है | यह सामाजिक प्रक्रिया है और इसको समाज के सम्पूर्ण स्वरूप और कार्यों से पृथक नहीं किया जा सकता है | ” ” Education is process performed of the people, by the people, for the people. It is a social process, and it cannot be separated from the total character and tasks of society. “
  4. जॉन ड्युई के अनुसार – ” शिक्षा व्यक्ति की उन सभी योग्यताओं का विकास है जिनके द्वारा वह अपने वातावरण पर नियंत्रण करने की क्षमता प्राप्त करता है तथा अपनी संभावनाओं को पूर्ण करता है |
  5. गाँधी जी के अनुसार – ” शिक्षा से मेरा अभिप्राय बालक एवं मनुष्य के शारीर, मस्तिष्क एवं आत्मा से सर्वोत्तम अंश की अभिव्यक्ति है | “
शिक्षा - मनोविज्ञान ( Educational Psychology )
शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology )

 

शिक्षा – मनोविज्ञान (Educational – Psychology)

मनोविज्ञान की शाखा के रूप में शिक्षा की उत्पत्ति सन् 1900 ई. में मानी जाती है | अमेरिका के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक, जड़, टरमन तथा स्टेनले हॉल के सक्रिय प्रयासों के फलस्वरूप सन् 1920 में शिक्षा – मनोविज्ञान को स्पष्ट और निश्चित स्वरूप प्राप्त हो सका | शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध अध्य्यापन और अधिगम से है | शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धांतों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग है | स्किनर के शब्दों में – ” शिक्षा मनोविज्ञान उन खोजों को शैक्षिक परिस्थितियों में प्रयोग करता है जी कि विशेषतया मानव प्राणियों के अनुभव और व्यवहार से सम्बन्धित है | “

शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) दो शब्दों के योग से बना है – ” शिक्षा और मनोविज्ञान ” | अत: इसका शब्दिक अर्थ है – ‘ शिक्षा सम्बन्धित मनोविज्ञान ‘ | दूसरे शब्दों में, यह मनोविज्ञान का व्यावहारिक रूप है | और शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है | अत: हम स्किनर के शब्दों में कह सकते है – ” शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) अपना अर्थ शिक्षा से , जो सामाजिक प्रक्रिया है और मनोविज्ञान से, जो व्यवहार – सम्बन्धी विज्ञान है, ग्रहण करता है | “

शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने अधोलिखित तथ्यों की ओर संकेत किया है – 

  1. शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) का केंद्र, मानव – व्यवहार है | 
  2. शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), खोज और निरीक्षण से प्राप्त किए गए तथ्यों का संग्रह है | 
  3. शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), में संग्रहित ज्ञान को सिद्धांतों का रूप प्रदान किया जा सकता है | 
  4. शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) ने शिक्षा की समस्याओं का समाधान करने के लिए अपनी स्वयं की पद्धतियों का प्रतिपादन किया है | 
  5. शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) के सिद्धांत और पद्धतियाँ शैक्षिक सिद्धांतों और प्रयोगों को आधार प्रदान करते है | 

शिक्षा – मनोविज्ञान की परिभाषाएं  ( Definition Of Educational Psychology )

शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), मनोविज्ञान के सिद्धांतों का शिक्षा में प्रयोग ही नहीं करता अपितु शिक्षा की समस्याओं को हल करने में योगदान देता है | इसलिए शिक्षाविदों ने शिक्षा की समस्याओं के अध्ययन, विश्लेषण, विवेचन तथा समाधान के लिए इसकी परिभाषाएं इस प्रकार दी है | 

  1. कॉलसनिक के अनुसार – ” शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ). मनोविज्ञान के सिद्धांतों व परिणामों का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग है | ” ” Educational Psychology is the application of findings and theories of psychology in the field of education. ”  
  2. क्रो एवं क्रो के अनुसार – ” शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है | ” ” Educational Psychology describes and explains the learning experiences of an individual from birth through old age. 
  3. स्टीफन के अनुसार – शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), शैक्षिक विकास का क्रमबद्ध अध्ययन है | ” “Educational Psychology is a systematic study of educational growth. “
  4. स्कीनर के अनुसार – “शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), मानवीय व्यवहार का शैक्षिक परिस्थितियों में अध्ययन करता है | ” “Educational Psychology deals with the behaviour of human being in educational situations. “
  5. प्रो. ट्रो के अनुसार – ” शैक्षिणिक परिस्थितियों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन करना ही  शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ) है | ” ” Educational Psychology is the study of the psychological aspects of educational situations.”
  6. जेम्स ड्रेवर के अनुसार – “शिक्षा – मनोविज्ञान ( Educational Psychology ), मनोविज्ञान की वह शाखा है जो शिक्षा में मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों तथा खोजों के प्रयोग के साथ ही शिक्षा की समस्याओं के मनोवैज्ञानिक अध्ययन से सम्बन्धित है |” “Educational Psychology is that branch of psychology, which is concerned with  the application to education of psychological principles and findings, together with the psychological study of problems of education.”

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