Coulomb's Law in Hindi / कूलॉम का नियम हिन्दी में 

दो आवेशों के मध्य आकर्षण बल या प्रतिकर्षण बल को ज्ञात करने के लिए कूलॉम का नियम उपयोग में लाते है | इस नियम के अनुसार किन्ही दो आवेशों के मध्य कार्यरत बल आवेश के परिणाम व उनके मध्य की दूरी तथा माध्यम पर निर्भर करता है | इस नियम के अनुसार – 

coulomb's Law
coulomb’s Law

(i) दो आवेशित वस्तुओं के मध्य आकर्षण या प्रतिकर्षण बल F, आवेशों के परिणाम q1, q2 के गुणनफल के अनुक्रमानुपती होता है | 

$$ F \propto q_1 q_2 ………. (1)$$

(ii)  दो आवेशित वस्तुओं के मध्य आकर्षण या प्रतिकर्षण बल F उनके मध्य की दूरी r के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है | 

$$F \propto \frac{1}{r^{2}} …….. (2)$$

अत: समीकरण (1) व (2) से 

$$F \propto \frac{q_1 q_2}{r^{2}}$$

$$F = \frac{K q_1 q_2}{r^{2}} ……….. (3)$$

$$F = \frac{1}{4\pi \varepsilon_0 } \frac{q_1 q_2}{r^{2}} ……….. (4) $$

$$K = \frac{1}{4\pi \varepsilon_0 }$$

यहाँ K एक नियतांक है | K का मान 9 x 109 न्यूटन मी.2 / कू.2 होता है | 

यहाँ पर ε0 निर्वात की विद्युतशीलता है | इसका मान 8.854 x 10-12 N-1 m-2 C2 होता है |

समीकरण (3) में हम आवेशों के मध्य लगने वाले बल के परिमाण को ज्ञात कर सकते है | 

समीकरण (3) में यदि q1 = q2 = 1 कूलॉम और r = 1 मीटर हो तब F = K = 9 x 109 न्यूटन होगा | 

अत: वायु या निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर रखे दो सामान परिमाण वाले आवेश 9 x 10न्यूटन बल अनुभव करें तो उनमें से प्रत्येक आवेश 1 कूलॉम के बराबर होता है | 

यहाँ पर समीकरण (3) आवेशों के मध्य बल, निर्वात या हवा में व्यक्त करता है | 

यदि आवेश किन्ही अन्य माध्यमों में स्थित हो जिसकी विद्युतशीलता ϵ है तो समीकरण (3) व (4) से आवेशों के मध्य लगने वाला बल  – 

$$ F_m = \frac{1}{4\pi \varepsilon } \frac{q_1 q_2}{r^{2}} ……….. (4)$$

यदि हम आवेशों के मध्य माध्यम को बदलते है तो Fm के मान परिवर्तन हो जाता है |

आपेक्षिक विद्युतशीलता (relative permittivity) :-

माध्यम की विद्युतशीलता  विद्युतशीलता ϵ तथा निर्वात की विद्युतशीलता ϵ० के अनुपात को माध्यम की आपेक्षिक विद्युतशीलता (relative permittivity) कहते है | इसे  ϵसे प्रदर्शित करते है | 

$$ \varepsilon_r = \frac{\varepsilon}{\varepsilon_0 } $$

कूलॉम नियम के महत्त्वपूर्ण तथ्य (Important facts of Coulomb’s Law) :-
 
(i) यह नियम गति के तृतीय नियम का पालन करता है।
(ii) यह नियम केन्द्रीय बलों को व्यक्त करता है।
(iii) कूलॉम के नियम का स्थिर विद्युतिकी में वही महत्व है जो न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम का गुरुत्वाकर्षण भौतिकी में है जबकि इनके संगत राशि आवेश तथा द्रव्यमान है।
(iv) इस नियम के लिए आवेश बिन्दुवत् एवं स्थिर होना चाहिए परन्तु सामान्यतः गोलीय आवेशों को ही प्रयुक्त करते हैं।
(v) यदि एक आवेश q1 दूसरे आवेश q2 पर कोई बल आरोपित करता है तब यदि तीसरा आवेश q3 पास में लाया जाता है। तो q1 द्वारा q2 पर आरोपित बल अपरिवर्तित रहता है।

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