psychology Notes

Psychology Learning Theory (Reinforcement Theory)

 पुनर्बलन सिद्धांत   पुनर्बलन सिद्धांत :- (सबलीकरण   या प्रबलन / क्रमबद्ध सिद्धांत या  चालक न्यूनता / यथार्थ सिद्धांत / उद्दीपक-प्रतिक्रिया सिद्धांत / आवश्यकता की कमी पूर्ति का सिद्धांत ) –  ऐसी कोई क्रिया जो अनुक्रिया की संख्या में वृद्धि करती है पुनर्बलन (reinforcement) कहलाती है। मानव द्वारा सीखे हुए अधिकांशतः व्यवहार की व्याख्या हम क्रियाप्रसूत अनुबन्धन […]

Psychology Learning Theory (Reinforcement Theory) Read More »

कोहलर का सिद्धांत

  कोहलर का सूझ अथवा अंतर्दृष्टि सिद्धांत अधिगम सिद्धांतों में  ‘क्षेत्र सिद्धांत’ के अंतर्गत कोहलर का सूझ सिद्धांत अथवा अंतर्दृष्टि सिद्धांत  का वर्णन किया गया है। अंतर्दृष्टि सिद्धांत की व्याख्या कोहलर ने अपनी पुस्तक ‘गेस्टाल्ट साइकोलॉजी’ (1959) में की है। गेस्टाल्ट एक जर्मन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ ‘समग्रता अथवा पूर्णता’ है।  इसके प्रतिपादकों में मेक्स वरदाइमर

कोहलर का सिद्धांत Read More »

क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिद्धांत

  स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिद्धांत यह उद्दीपन अनुक्रिया पर आधारित एक नवीन सिद्धांत है इसमें अनुक्रिया पुनर्बलन से संबंधित होती है ना कि उद्दीपन के साथ। इस स्किनर का यह सिद्धांत कार्यात्मक सिद्धांत है जो थर्डनडाइक के  अंतर्गत चयन और संयोजन नियम पर आधारित है। स्किनर ने व्यवहार को दो वर्गों में

क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिद्धांत Read More »

शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत

  पावलोव का शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत में उद्दीपन अनुक्रिया के मध्य सहचार्य स्थापित होता है। अनुबंधन दो प्रकार का होता है- 1. शास्त्रीय अनुबंधन अथवा अनुकूलित अनुक्रिया 2. क्रिया प्रसूत या नैमित्तिक अनुबंधन अनुबंधन वह प्रक्रिया है जिसमें एक प्रभावहीन उद्दीपन इतना प्रभावशाली हो जाता है कि वह गुप्त अनुक्रिया को

शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत Read More »

अधिगम के सिद्धांत Learning Theory

अधिगम के सिद्धांत

अधिगम के सिद्धांत अधिगम के सिद्धांतों को दो भागों में बांटा गया है- अधिगम के सहचार्य सिद्धांत अधिगम के क्षेत्र सिद्धांत- (कोहलर का सूझ सिद्धांत) 1. अधिगम के सहचार्य सिद्धांत- अधिगम के सहचार्य सिद्धांत उद्दीपक अनुक्रिया के आधार पर वर्णित है। इसमें उद्दीपन अनुक्रिया के मध्य संबंध स्थापित होता है। इससे उद्दीपन अनुक्रिया अथवा S-R सिद्धांत

अधिगम के सिद्धांत Read More »

Learning Part – 01

 अधिगम का अर्थ, प्रभावित करने वाले कारक एवं अधिगम के प्रकार(गेने) अधिगम का अर्थ (Meaning of Learning) सामान्य अर्थ में अधिगम का अर्थ सीखना अथवा व्यवहार परिवर्तन है। ये व्यवहार परिवर्तन स्थायी तथा अस्थायी दोनों हो सकते है। उदाहरणार्थ- एक बालक जलती हुई मोमबत्ती को देखकर खुश होता है और उत्सुकतावश उसकी लौ को पकड़ने

Learning Part – 01 Read More »

अभिवृद्धि और विकास में अंतर Differences Between Growth and Development

Differences Between Growth and Development

अभिवृद्धि और विकास में अंतर / Differences Between Growth and Development   विकास की विभिन्न अवस्थाओं में बालक होने वाले परिवर्तनों में गति और मात्रा में अंतर पाया जाता है यह परिवर्तन अभिवृत्ति सूचक और विकास सूचक दोनों प्रकार के होते हैं अतः वृद्धि और विकास के अर्थ और उनके अंतर को समझना आवश्यक है

Differences Between Growth and Development Read More »

बालक में विकास Development in child

Development in child

विकास का अर्थ एवं परिभाषा विकास शब्द परिवर्तन का द्योतक है व्यक्ति में यथा समय होने वाले विभिन्न परिवर्तनों को ही विकास कहा जाता है। विकास के अंतर्गत व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक तथा शारीरिक दृष्टि से होने वाले परिवर्तनों को सम्मिलित किया जाता है। अर्थात व्यक्ति में होने वाले समस्त परिवर्तनों को विकास कहा

Development in child Read More »

Emotion

 संवेग (Emotion)     संवेग को अंग्रेजी भाषा में Emotion कहा जाता है जो ग्रीक शब्द Emovere से बना है जिसका अर्थ होता है To Move / To Drive / गति करना / कोई हलचल |       R.S. वुडवर्थ के अनुसार :- संवेग व्यक्ति की उत्तेजित अवस्था होती है |       

Emotion Read More »

mool-pravartiyan

 मूल प्रवृतियाँ (mool-pravartiyan) प्रतिपादक – विलियम मैकडूगल    आर. एस. वुडवर्थ के अनुसार :- मूल प्रवृति कार्य करने का बिना सीखा हुआ स्वरूप है |  वो सभी कार्य जिन्हें जन्तु करना सीखता नही है या किसी प्रशिक्षण की आवश्यकता नही होती है अर्थात् जो जन्मजात होते है, मूल प्रवृतियाँ कहलाती है |  नोट :-   

mool-pravartiyan Read More »

error: सावधान ! Content is protected !!