Psychology
परिभाषा :- Psychology शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है | Psyche – soul- आत्मा, Logos – Study – अध्ययन करना अर्थात् आत्मा का अध्ययन करना |
साइकोलॉजी शब्द को सर्वप्रथम रुडोल्फ गोयकल (1590) ने दिया था साइकोलॉजी को सबसे पहले गैरेट ने आत्मा का विज्ञान कहा था तथा इसके जनक अरस्तु है |
नोट :- मनोविज्ञान की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान तक इसके अर्थ में अनेकों परिवर्तन आये जो इस प्रकार है |
(1) आत्मा का विज्ञान – मनोविज्ञान आरम्भ में दर्शनशास्त्र का ही एक अंग था और इसे आत्मा के विज्ञान के रूप में मान्यता मिली | इसका समर्थन अरस्तु, प्लेटो, गैरेट व डेस्कार्ट ने किया था | 16 वीं शताब्दी के अंत तक यह मत अमान्य हो गया क्योंकि आत्मा की कोई सर्वसम्मत व्याख्या नही हो पायी |
(2) मन / मस्तिष्क का विज्ञान – 18 वीं शताब्दी में इटली के दार्शनिक पोम्पोनाजी ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान के रूप में स्थापित किया |
इसी मत के आधार पर जॉन लॉक ने साहचर्यवाद प्रस्तुत किया, मन के अस्थिर स्वभाव के कारण यह मत भी कुछ समय पश्चात् अमान्य हो गया, लेकिन इस मत का एक लाभ यह हुआ कि मनोविज्ञान जो अव तक दर्शनशास्त्र का एक अंग था | वह इससे अलग हो गया और अब एक स्वतंत्र विषय के रूप में अध्ययन किया जाने लगा |
(3) चेतना का विज्ञान – 1879 में विलियम वुंट ने जर्मनी के लिपजिंग शहर में मनोविज्ञान की प्रयोगशाला स्थापित की और प्रयोगात्मक मनोविज्ञान को उत्पन्न किया |
उन्होंने कहा की मनुष्य द्वारा किये जाने वाली सभी व्यवहार वातावरण द्वारा प्रभावित होते है और ये व्यवहार केवल चेतन अवस्था या जाग्रत अवस्था में ही सम्पादित हो सकते है | अत: 19 वीं शताब्दी में मनोविज्ञान चेतना के विज्ञान के रूप में स्थापित हुआ | इसका समर्थन विलियम जेम्स, जेम्स सली एवं एंजिल्स ने किया |
1908 में सिग्मंड फ्रायड ने मनोविश्लेषण वाद प्रस्तुत किया, जिसमे चेतन अवस्था के अलावा मनुष्य में दो और अवस्थाएं अर्द्ध चेतन और अचेतन का वर्णन किया गया इस लिए यह मत भी अस्वीकार हो गया |
(4) व्यवहार का विज्ञान – 1914 से 1924 के मध्य जॉन ब्राड्स वाटसन ने व्यवहारवाद प्रस्तुत किया | जिसके अनुसार मनुष्य द्वारा किया जाने वाला व्यवहार जी मनोविज्ञान है |
कथन :- आर. एस. वुड्वर्थ –
मनोविज्ञान ने सर्वप्रथम अपनी आत्मा त्यागी फिर अपना मस्तिष्क छोड़ा और अंत में अपनी चेतना खोई लेकिन इसमें व्यवहार का अध्ययन आज भी विद्यमान है |
परिभाषायें :-
जॉन ब्राड्स वाटसन – मनोविज्ञान मानव व्यवहार का शुद्ध या सकारात्मक निश्चयात्मक, वस्तुपरक विज्ञान है |
आर. एस. वुड्वर्थ – मनोविज्ञान व्यक्ति के पर्यावरण के सन्दर्भ में उसके क्रियाकलापों का वैज्ञानिक अध्ययन है
अत: उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट हो जाता है कि मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है जिसका वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है |
नोट :- मनोविज्ञान वर्तमान में अपनी विकास यात्रा के शैशवावस्था में है |
मनोविज्ञान के क्षेत्र :- वो सभी प्रक्रियाएं या विषय जिनमें मनोविज्ञान के नियमों, सिद्धांतों और जानकारियों का उपयोग किया जाता है उन्हें मनोविज्ञान के क्षेत्र कहते है –
- सामान्य मनोविज्ञान
- असामान्य मनोविज्ञान
- विकृत मनोविज्ञान
- पशु मनोविज्ञान
- मानव मनोविज्ञान
- विकासात्मक मनोविज्ञान
- शिशु मनोविज्ञान
- बाल मनोविज्ञान
- किशोर मनोविज्ञान
- प्रौढ़ मनोविज्ञान
- प्रयोगात्मक मनोविज्ञान
- व्यक्तिगत मनोविज्ञान
- शिक्षा मनोविज्ञान
- विधि मनोविज्ञान
- पुलिस / खुफिया मनोविज्ञान
- सैन्य मनोविज्ञान
- औद्योगिक मनोविज्ञान
- व्यावसायिक मनोविज्ञान
- राजनैतिक मनोविज्ञान
- पैरा मनोविज्ञान