Biology Test – 01 ( Plant Reproduction)
1. दोहरा निषेचन क्या है? [NEET 2018]
(a) दो नर युग्मकों का एक अण्ड के साथ संलयन
(b) एक नर युग्मक का दो ध्रुवीय केन्द्रकों के साथ संलयन
(c) एक पराग नली के दो नर युग्मकों का दो भिन्न अण्डों के साथ संलयन
(d) युग्मक संलयन और त्रिसंलयन
Solution :-
(d) दो नर युग्मकों के एक ही मादा युग्मकोद्भिद की भिन्न कोशिकाओं के साथ संलयन को दोहरा निषेचन कहते हैं। यह प्रक्रिया पुष्पीय पादपों में पायी जाती है। इसमें निम्न दो चरण पाए जाते हैं
(i) संयुग्मन (Syngamy) एक नर युग्मक के अण्ड कोशिका से संयोजित होकर द्विगुणित (2n) युग्मनज का निर्माण करने की प्रक्रिया, संयुग्मन कहलाती है।
(ii) त्रिसंलयन (Triple fusion) दूसरे नर युग्मक के द्वितीयक केन्द्रक (2n) के साथ मिलकर त्रिगुणित (3n) भ्रूणपोष केन्द्रक के निर्माण की प्रक्रिया त्रिसंलयन या त्रिसमेकन कहलाती है।
2. निम्नलिखित में से किसमें उसके जीवनकाल में केवल एक बार ही पुष्पन होता है ? [NEET 2018]
(a) आम
(b) कटहल
(d) पपीता
(c) बाँस स्पीशीज
Solution :- (c) बाँस का पेड़ बहुवर्षीय व एकफलनीय होता है। इनके जीवनकाल में पुष्पन सिर्फ एक बार 50-100 वर्षों के बाद होता है। ये बड़ी संख्या में फल उत्पन्न करते हैं और मर जाते हैं। आम, कटहल व पपीता बहुफलनीय पादप है अर्थात् वे एक निश्चित अन्तराल में अनेक बार पुष्पन करते रहते हैं।
3. ‘ऑफसेट्स’ किसके द्वारा उत्पादित होते हैं ? [NEET 2018]
(a) अनिषेकफलन द्वारा
(b) सूत्री विभाजन द्वारा
(c) अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा
(d) अनिषेकजनन द्वारा
Solution :- भूस्तारी (Offset) का निर्माण सूत्री विभाजन के द्वारा होता है। ये जलोद्भिद होते हैं। इनकी पर्वसन्धियों से पत्तियों का एक गुच्छा निकलता है तथा नीचे जड़ों का एक समूह पाया जाता है, जो टूटकर नया पादप बनाता है; उदाहरण-जलकुम्भी । अर्द्धसूत्री विभाजन केवल जनन कोशिकाओं में ही पाया जाता है। बीजरहित फल के निर्माण की प्रक्रिया को अनिषेकफलन कहते हैं। अनिषेकजनन में बिना निषेचन के मादा अण्डे से भ्रूण का विकास होता है। इस प्रकार के अगुणित भ्रूण बन्ध्य (Sterile) होते हैं।
4. निम्नलिखित में से कौन पराग को जीवाश्मों के रूप में परिरक्षित करने में सहायक सिद्ध हुआ है? [NEET 2018]
(a) तैलीय अवयव
(b) सेलुलोसयुक्त अन्तःचोल
(c) पराग किट
(d) स्पोरोपोलेनिन
Solution :- (d) स्पोरोपोलेनिन पराग को जीवाश्मों के रूप में परिरक्षित करने में सहायक सिद्ध हुआ है। पराग कण का आवरण, स्पोरोडर्म दो परतों, बाह्यचोल (Exine) व अन्तः चोल (Intine) का बना होता है। बाह्यचोल में उच्च प्रतिरोधी पदार्थ स्पोरोपोलेनिन उपस्थित होता है। यह किसी एन्जाइम द्वारा विघटित नहीं होता है। इस पर उच्च तापमान एवं सान्द्र अम्ल या क्षार का कोई • प्रभाव नहीं पड़ता है। इस प्रकार, यह पराग कण को वर्षों तक जीवाश्म के रूप में संरक्षित रखने में सक्षम होता है। कुछ कीट परागित पराग कणों के बाह्यचोल के ऊपर पीला, गाढ़ा, चिपचिपा व तैलीय पदार्थ उपस्थित होता है, जिसे पराग किट (Pollen kit) कहते हैं। पराग कण का अन्तःचोल पेक्टिन व सेलुलोस का बना होता है।
5. सपक्ष (winged) पराग कण किसमें होते हैं ? [NEET 2018]
(a) आम (b) साइकस (c) सरसों (d) पाइनस
Solution :-
पाइनस के पराग कण सपक्ष (Winged) एवं लट्टू शंकु आकार के होते हैं।
पाइनस में परागण वायु के द्वारा होता है। इसके पराग कण पंखों की उपस्थिति के कारण वायु में लम्बे समय तक तैरते रहते हैं। ये वातावरण में पीली धूल के रूप में दिखाई देते हैं। इसे सल्फर शॉवर (Sulphur shower) भी कहा जाता है।
आम के पराग कण गोलाभ आकार के, जबकि सरसों के चपटे गोलाभाकार के होते हैं।
6. वे पुष्प, जिनमें अण्डाशय में एक बीजाण्ड होता है और वे एक पुष्पक्रम में बँधे रहते हैं, सामान्यतया किसके द्वारा परागित होते हैं ? [NEET 2017]
(a) जल
(c) वायु
(b) मधुमक्खी
(d) चमगादड़
Solution :- वे पुष्प, जिनमें अण्डाशय में एक बीजाण्ड होता है तथा वे पुष्पक्रम से जुड़े रहते हैं, वायु द्वारा परागित होते हैं। ये पुष्प बहुत अधिक संख्या में हल्के, शुष्क एवं कभी-कभी पंखयुक्त पराग कण उत्पन्न करते हैं; उदाहरण-अनाज एवं घास ।
7. एकलिंगाश्रयी पुष्प पादप निम्नलिखित में से किन दोनों को रोकते हैं ? [NEET 2017]
(a) स्वयुग्मन और सजातपुष्पी परागण
(b) स्वयुग्मन और संजातपुष्पी परागण
(c) सजातपुष्पी परागण और परनिषेचन
(d) अनुन्मील्य परागण और परनिषेचन
Solution :- (b) एकलिंगाश्रयी पादप स्वयुग्मन तथा सजातपुष्पी परागण को रोकता है, क्योंकि ये दोनों क्रमशः केवल द्विलिंगी पुष्प में तथा एक ही पादप के दो भिन्न पुष्पों के मध्य होता है। एकलिंगाश्रयी पादप में नर एवं मादा पुष्प भिन्न-भिन्न पादपों पर होते हैं। अतः इनमें परनिषेचन होता है।
8. सम्मोहक और पारितोषिक किसके लिए आवश्यक होते हैं ? [NEET 2017]
(a) वायु परागण
(b) कीट- परागण
(c) जल परागण
(d) अनुन्मीलिय परागण
Solution :- (b) कीट परागण हेतु पुष्पों सम्मोहक (रंग एवं गन्ध) तथा पारितोषिक (मकरन्द, आवास एवं भोजन) की उपस्थिति आवश्यक होती है, जिससे कीट इनकी ओर आकर्षित होकर पराग कणों का परागण कर सकें।
9. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है ? [NEET-II 2016]
(a) रुके हुए जल में उगती हुई हायसिन्थ जल से ऑक्सीजन खींच लेती है, जिससे मछलियों की मृत्यु हो जाती है।
(b) अलैंगिक प्रजनन द्वारा उत्पन्न सन्तानों को क्लोन कहा जाता है।
(c) सूक्ष्मदर्शीय चल अलैंगिक प्रजनन संरचनाएँ चलबीजाणु कहलाती हैं।
(d) आलू, केला और अदरक में पादप, रूपान्तरित तने में उपस्थित पर्वों से उत्पन्न होते हैं।
Solution :- (d) आलू, केला और अदरक तीनो भूमिगत तने के उदाहरण हैं। इन नए अंकुरण सदैव रूपान्तरित स्तम्भों में उपस्थित पर्वसन्धि से निकलते हैं। जब ये पर्वसन्धियाँ नमीयुक्त मृदा अथवा जल के सम्पर्क में आती है, तब इनकी पर्वसन्धियों (Internodes) में उपस्थित कक्षस्थ कलिका से नए पादप उत्पन्न होते हैं।
10. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है? [ NEET-I 2016 ]
(a) पराग कणों की बाह्यचोल स्पोरोपोलेनिन की बनी होती है
(b) बहुत-सी जातियों के पराग कण गम्भीर प्रत्यूर्जता उत्पन्न करते हैं
(c) द्रवित नाइट्रोजन में भण्डारित पराग कण, फसल प्रजनन योजनाओं में प्रयुक्त किए जा सकते हैं
(d) परागकोष के स्फुटन में टेपीटम सहायता करती है।
Solution :- (d) परागकोष के स्फुटन में टेपीटम सहायता नहीं करती है। यह परागकोष के अन्तःस्तर की आन्तरिक परत होती है, जो अर्द्धसूत्री विभाजन के बाद पराग कणों के विकास के लिए पोषण प्रदान करती है।
पराग कणों की बाह्यचोल स्पोरोपोलेनिन की बनी होती है। गाजर, घास, ज्वार, आदि के पराग कण मनुष्य में प्रत्यूर्जता (Allergy) उत्पन्न करते हैं।
द्रवित नाइट्रोजन (-196°C) में भण्डारित पराग कण, फसल, प्रजनन योजनाओं में प्रयुक्त किए जा सकते हैं। संरक्षण की इस क्रिया को क्रायोप्रिजर्वेशन कहते हैं।
11. पुष्पी पादपों में बिना निषेचन के बीज बनना निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रिया है ?[NEET-1 2016]
(a) मुकुलन
(b) कायिक संकरण
(c) असंगजनन
(d) बीजाणुकजनन
Solution :- (c) पुष्पी पादपों में बिना निषेचन के बीज का बनना असंगजनन (Apomixis) कहलाता है। यह दो प्रकार का होता है।
(i) कायिक वर्धन इस प्रकार के जनन में कक्षस्थ कलिका से उत्पन्न तना या पत्ती नए पादप का निर्माण करती है।
(ii) अनिषेकबीजता इसमें लैंगिक जनन की अनुपस्थिति में बीज का निर्माण होता है।
12. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ? [NEET-1 2016]
(a) कीट जो बिना परागण किए पराग या मकरन्द को ग्रहण करते हैं, उन्हें पराग/मकरन्द चोर कहते हैं।
(b) पराग कण अंकुरण तथा पराग नलिका वृद्धि पराग कण तथा स्त्रीकेसर की पारस्परिक क्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न रासायनिक घटकों द्वारा नियन्त्रित होती है।
(c) कुछ सरीसृप, कुछ पादप जातियों में परागण करते हुए बताए गए हैं।
(d) अनेक जातियों के पराग कण एक पुष्प के वर्तिकाग्र पर अंकुरित हो सकते हैं, परन्तु उसी जाति के पराग कणों की केवल एक पराग नलिका वर्तिका में आग बढ़ती है।
Solution :- (d) अनेक जातियों के पराग कणों का एक पुष्प के वर्तिकान पर अंकुरित होना असंगत है अर्थात् वे अंकुरित नहीं हो सकते हैं। समान जाति के केवल कुछ पराग कण ही अंकुरित होकर पराग नलिका का निर्माण करते हैं, जो वर्तिका के माध्यम से होती हुई भ्रूणकोष (Embryo sac) में स्थित अण्ड (Egg) कोशिका तक नर युग्मक (Male gamete) को पहुँचाती है।
13. आवृतबीजी पादपों में लघुबीजाणुजनन और गुरुबीजाणुजनन –
(a) परागकोष में होता हैं
(b) बिना अग्र विभाजन के युग्मक बनाते हैं
(c) अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा होते हैं।
(d) बीजाण्ड में होता है
Solution :- (c) लघुबीजाणुजनन और गुरुबीजाणुजनन दोनों प्रक्रियाएँ अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप द्विगुणित (2n) लघुबीजाणु और गुरुबीजाणु मातृ कोशिकाओं से अगुणित (n) नर एवं मादा युग्मकों का निर्माण होता है।
14. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है ? [CBSE AIPMT 2015]
प्रजनन विधि | उदाहरण |
(a) भूस्तारी | जल हायसिन्थ |
(b) प्रकन्द | केला |
(c) द्विखण्डन |
सारगासम
|
(d) कोनिडिया
|
पेनिसिलियम |
Solution :- (c) सारगासम का पादप शरीर द्विगुणित प्रकार का होता है। इनमें बीजाणु का निर्माण अलैंगिक जनन से नहीं होता है। अपितु इनका उत्पादन कायिक प्रकार से और लैंगिक अंगों के निर्माण से होता है। सारगासम की स्वतन्त्र सतही जातियों में कायिक प्रजनन की केवल खण्डन विधि ही ज्ञात है।
जल हायसिन्थ में उपरिभूस्तारी (Runners) मृदा या जल में पुनः नया पादप उत्पन्न करते हैं। ये पादप भूमि पर रेंगते हुए बढ़ते हैं।
केले में प्रकन्दों में पर्वसन्धियों पर उपस्थित कक्षस्थ कलिकाओं द्वारा कायिक जनन होता है।
पेनिसिलियम एक कवक है, जिसमें कोनिडियम द्वारा कायिक जनन होता है।
15. संचरण ऊतक किसका अभिलक्षण है? [CBSE AIPMT 2015]
(a) खोखली वर्तिका का
(b) ठोस वर्तिका का
(c) शुष्क वर्तिका का
(d) आर्द्र वर्तिका का
Solution :- (b) संचरण ऊतक ठोस वर्तिका का अभिलक्षण है। वर्तिका मुख्यतया खोखली होती है, किन्तु कुछ पादपों में यह संचरणीय ऊतकों की उपस्थिति के कारण ठोस होती है। इन कोशिकाओं में गाढ़ा कोशिकाद्रव्य होता है। इन कोशिकाओं के बीच में लसलसा पदार्थ एवं अन्तराकोशिकीय अवकाशों में से पराग नलिका विकसित होती हुई बीजाण्ड तक पहुँचती है।
16. आवृतबीजी, पादपों में नर युग्मक क्या बनाता है ?[CBSE AIPMT 2015]
(a) दो शुक्राणु और एक कायिक कोशिका
(b) एक शुक्राणु और एक कार्यिक कोशिका
(c) एक शुक्राणु और दो कायिक कोशिकाएँ।
(d) तीन शुक्राणु
Solution :- (a) आवृतबीजी पादपों में नर युग्मक दो शुक्राणु एवं एक कायिक कोशिका बनाता है। इस प्रकार आवृतबीजी पादपों के पराग कण अथवा नर युग्मकोद्भिद में एक कायिक कोशिका और एक जननिक कोशिका उपस्थित होती है। जननिक कोशिका आगे समसूत्री विभाजन द्वारा दो नर युग्मकों (शुक्राणुओं) का निर्माण करती है। अतः आवृतबीजी पादपों के एक परिपक्व नर युग्मकोद्भिद में दो शुक्राणु और एक कायिक कोशिका उपस्थित होते हैं।