जोधपुरा सभ्यता का विकास साबी नदी के तट पर हुआ जो ताम्रयुगीन सभ्यता थी, तो वहीं आर. सी. अगवाल व विजय कुमार द्वारा 1972 – 75 ई. में यहाँ उत्खनन किया गया |
जोधपुरा सभ्यता का कालखण्ड 2500 ई. पू. से 200 ई. के मध्य माना जाता है |
यहाँ से उत्खनन में लौहे के शास्त्र, होल के बने तीर, लोहे की कीलें, शंख निर्मित चूड़ियों के टुकड़े, कूबड़बैल की आकृतियाँ मिली है |
जोधपुरा से कपिषवर्णी मृदपात्रों का डेढ़ मीटर जमाव प्राप्त हुआ |
वहीं मृदपात्रों के अलावा एक डिश ऑन स्टैण्ड भी मिला है |
यहाँ से घोड़े का उपयोग रथ में करने के प्रमाण मिलते है |
जोधपुरा से लौह अयस्क से लौह धातु का निष्कर्षण करने वाली भट्टियाँ मिली है |