अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक
A. शिक्षार्थी से संबंधित कारक :-
- सीखने की इच्छा शक्ति व तत्परता
- शैक्षिक पृष्टभूमि
- शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य
- सीखने का समय व अवधि
- थकान
- सीखने की अभिवृत्ति
- अभिप्रेरणा
- अभ्यास
- परिपक्वता + आयु
- बुद्धि
B. शिक्षक से संबंधित :-
- विषय का पूर्ण ज्ञान
- प्रस्तुतीकरण
- अनुभव
- शिक्षण विधि
- शिक्षक का व्यवहार
- मनोविज्ञान का ज्ञान
- शिक्षक का व्यक्तित्व
- समय सारणी
- पाठ्यक्रम सहगायी क्रियाओं का आयोजन
- बाल केन्द्रित शिक्षा
C. विषयवस्तु से संबंधित कारक :-
- विषयवस्तु का स्वरूप
- विषयवस्तु का आकार
- विषयवस्तु का क्रम
- विषयवस्तु की भाषा
- विषयवस्तु की उद्देश्यता
- विषयवस्तु का रूचिकर होना
- प्रस्तुतीकरण
अधिगम स्थानान्तरण के सिद्धांत
1. मानिसक शक्तियों का सिद्धांत/औपचारिक अनुशासन का सिद्धांत :-
– यह अधिगम स्थानान्तरण का सबसे पुराना सिद्धांत है। यह मान्य नहीं हुआ – सर्वप्रथम इसकी आलोचना वि. जेम्स द्वारा की गई।
2. समान/समरूप अवयवों का सिद्धांत :- थॉर्नडाइक
– इस सिद्धांत के अनुसार जब दो विषयों में समानता होती है तो एक विषय का ज्ञान दूसरे विषय के ज्ञान में सहायक होता है।
3. सामान्यीकरण का सिद्धांत :- चर्ल्स जुड
– एक स्थिति में अर्जित ज्ञान का सामान्यीकरण कर उसका प्रयोग किसी दूसरी स्थिति में करना।
4. आदर्शों एवं मुल्यों का सिद्धांत :- बागले
5. दो तत्वों का सिद्धांत :- स्पीयरमेन
6. क्षेत्रीयपूर्णता का सिद्धांत :- गेस्टाल्टवाद
मनोविज्ञान के सम्प्रदाय
1. संरचनावादी सम्प्रदाय :- वि. पुण्ट, टिचनर
– यह एक पुरातन सम्प्रदाय है। इसका प्रतिपादन जर्मनी के विलियम पुण्ट द्वारा किया गया तथा इनके समर्थक टिचनर थे।
– वि. पुण्ट ने अन्तप्रदर्शन पद्धति को आधार मानकर मस्तिष्क की व्यवस्थिति संरचना के अध्ययन पर बल दिया
2. कार्यात्मवादी सम्प्रदाय :-
– इस सम्प्रदाय का प्रतिपादन अमेरिका के विलियम जेम्स द्वारा किया गया था। इसके समर्थक जॉन डी.वी. जेम्स ऐंजल, केटल थे।
– यह सम्प्रदाय मस्तिष्क के क्रियाकलापों का अध्ययन करता है।
3. व्यवहारवादी सम्प्रदाय :-
– व्यवहारवाद की स्थापना वाटसन के द्वारा की गई। इसलिए वाटसन को व्यवहारवाद का जनक माना जाता है।
– सहयोगी – थॉर्नडाइक, पावलॉव, स्कीनर, हल आदि।
– व्यवहारवादी आनुवांशिकता को गौण तथा वातावरण को मुख्य स्थान देते हैं। इस प्रकार सभी प्रकार के व्यवहार को सीखा जा सकता है तथा सभी प्रकार का व्यवहार किसी न किसी उद्दीपक की अनुक्रिया से होता है।
– व्यवहारवादी वातावरण को अधिक महत्व देवे, शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारवादियों की प्रमुख देन तथ्यात्मकता/वस्तुनिष्ठता को माना जाता है।
– वाटसन ने मानव व्यवहार का अध्ययन करने हेतु बर्हिदर्शन विधि का प्रयोग किया।
4. गेस्टाल्टवाद – मेक्स वर्दीमर
5. मनोविश्लेषणवादी सम्प्रदाय – सिग्मण्ड फ्रायड
6. प्रेरकीय सम्प्रदाय – विलियम मेक्डूगल