Muscular Tissue / पेशीय ऊत्तक

पेशीय ऊतक या पेशी ऊतक (Muscular Tissue) क्या है ? पेशीय ऊतक के प्रकार, संरचना और कार्य

पेशी ऊतक या पेशीय ऊतक (Muscle tissue) वे ऊतक हैं जिनसे जन्तुओं के शरीर की पेशियाँ निर्मित होतीं हैं।

ये कोमल होते हैं तथा इनके कारण पेशियों में संकुचन की क्षमता होती है। पेशीय ऊतक अनेक लंबे एवं बेलनाकार तंतु या रेशों से बना होता है, जो समानांतर पंक्तियों में सजे रहते हैं, यह तंतु कई सूक्ष्म तत्वों से बना होता है जिसे पेशी तंतुक कहते है |

पेशी ऊतकों के कारण ही हमारे शरीर में गति सम्भव हो पाती है। इन पेशियों में विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है जिसे संकुचनशील प्रोटीन (Contractile Protein) कहते हैं। इसी के संकुचन और शिथिलन (relax) से गति उत्पन्न होती है।

पेशीय उत्तक की क्रिया से शरीर वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार गति करता है तथा शरीर के विभिन्न अंगों की स्थिति को संभाले रखता है । सामान्यतया शरीर की सभी गतियां में पेशियां प्रमुख भूमिका निभाती है।

पेशीय ऊतक या पेशी तन्तु (Muscular Tissue) भ्रूणीय मीसोडर्म से विकसित होती है। इसका विशिष्ट गुण संकुचलशीलता (contractility) है। यह शरीर का लगभग 50% भाग बनाती है।

पेशी तन्तु के कोशिकाद्रव्य को सार्केप्लाज्म कहते हैं। पेशी तन्तु की प्लाज्मा झिल्ली को सारकोलेमा कहते हैं। पेशी तन्तु की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई सारकोमीर (Sarcomere) कहलाती है।

कार्यिकी के आधार पर पेशीय ऊतक तीन प्रकार के होते हैं |

1. रेखित पेशी ऊतक (Striated Muscular Tissue)

2 .आरेखित पेशी ऊतक (Non Striated Muscular Tissue)

3. हृदय पेशी ऊतक (Cardiac Muscular Tissue)

रेखित पेशियाँ ऊतक (Striated Muscular Tissue)

यह पेशियाँ अस्थियों (bones) से कण्डराओं ( पेशियाँ जन्तु की फसलों से जुड़ी रहती हैं और इनमें एच्छिक गति होती हैं इसी के द्वारा जुड़ी होती हैं। ये कारण इन्हें एच्छिक पेशी या कंकाल पेशी भी कहते हैं। इसमें माइटोकोंड्रिया की संख्या अधिक होती है इसलिए यह देरी से थकता है |  प्रत्येक पेशीय तन्तु पर क्रमशः गहरे A तथा हल्के 1 डिस्क होते हैं। I पट्ट के मध्य में एक गहरी 2 रेखा होती है। A-डिस्क में हेन्सन की डिस्क या M रेखा पाई जाती है। ये पेशियाँ अनेक बहुकेन्द्रक तन्तुओं द्वारा बनती हैं, जिसमें अनेक मायोफाइब्रिल होते हैं। ये मायोफ्राइबिल घने मायोसीन एवं पतले एक्टिन तन्तुओं के बने होते हैं। यह पेशी पैर, गर्दन, जिह्वा, ग्रासनली आदि में पाई जाती है।

अरेखित पेशियाँ ऊतक (Non Striated Muscular Tissue)

ये हमारी इच्छा के नियन्त्रण में नहीं होती हैं इसलिए इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ भी कहते हैं। यह पेशीय ऊत्तक जल्दी थक जाता है क्योंकि इसमें माइटोकोंड्रिया की संख्या कम होती है | यह हमारे आंतरिक अंगों में पाया जाता है | इसलिए इसे चिकनी पेशीय ऊत्तक भी कहा जाता है |  ये पेशियाँ पतली, लम्बी, तर्कुरूप तथा तन्तुमय पेशी कोशिकाओं की बनी होती हैं। आहारनाल के एक भाग से दूसरे भाग में भोजन का प्रवाह इस पेशी के संकुचन एवं प्रसार के कारण होता है। यह मूत्राशय, जठरान्त्र मार्ग में उपस्थित रहती है।

हृदय पेशी ऊतक (Cardiac Muscular Tissue)

यह ऊत्तक रेखित पेशियों से बना होता है और अनैच्छिक कार्य करता है | यह एक विशेष प्रकार का ऊत्तक है जो केवल हमारे हृदय में पाया जाता है | इसलिए इसे हृदय पेशीय ऊत्तक कहा जाता है | इसमें माइटोकोंड्रिया की संख्या सबसे अधिक पायी जाती है इसलिए यह कभी नही थकता है | 

यह हृदय की दीवारों में पाई जाती हैं। हृदय पेशियाँ स्वायत्त तन्त्रिका तन्तुओं से जुड़ी होती है इसलिए ये अपने आप स्वतंत्र रूप से बिना थके एक लय से जीवन भर धड़कती रहती हैं। इसमें उपस्थित अर्न्तविष्ट डिम्ब (intercalated discs) हृदय पेशियों हेतु उत्तेजक लहर (excitation waves) के रूप में बूस्टर का कार्य करती हैं। इनका संकुचन मायोजेनिक होता है, न्यूरोजेनिक नहीं।

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