छड़ चुम्बक
चुम्बक शब्द की उत्पत्ति यूनान के एक द्वीप मैग्नेशिया के नाम से मानी जाती है |
छड़ चुम्बक के गुण :-
- एक छड़ चुम्बक में दो ध्रुव पाए जाते है | एक को उत्तरी ध्रुव (N) व दूसरे को दक्षिणी ध्रुव (S) कहते है |
- जब किसी छड़ चुम्बक को स्वतंत्र रूप से लटकाया जाता है या स्थिर जल पर किसी लकड़ी पर रखकर तैराया जाता है तो सदैव छड़ चुम्बक उत्तर व दक्षिण दिशा में ही जाकर रुकता है | Note :- छड़ चुम्बक के इस गुण के कारण लगभग 4 हजार वर्ष पहले चीनी सम्राट ह्वेंगन्ती ने युद्ध में विजय प्राप्त की थी |
- छड़ चुम्बक के ध्रुवों को प्रथक नहीं किया जा सकता है | जब भी हम किसी छड़ चुम्बक के दो भाग करते है तो वह दो छोटे छड़ चुम्बक में बदल जाती है |
- चुम्बक के एक समान (सजातीय) ध्रुव एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है और विजातीय ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते है |
- सभी पदार्थ चुम्बक से आकर्षित नहीं होते है |
चुम्बकीय क्षेत्र
किसी चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें किसी अन्य चुम्बक या चुम्बकीय पदार्थ को लाने पर वह किसी बल का अनुभव करता है | तो वह क्षेत्र चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है |
सूत्र – \( B =\frac{F}{qv} \)
मात्रक – \( B =\frac{N}{A.m} \)
या टेस्ला
CGS पद्धति में चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक गाउस होता है |
1 टेस्ला = 104 गाउस
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाये
- ये काल्पनिक रेखायें होती है | जो चुम्बक के बाहर उत्तरी ध्रुव (N) से दक्षिणी ध्रुव (S) के पास जाती है | और चुम्बक के अंदर दक्षिणी ध्रुव (S) से उत्तरी ध्रुव (N) के पास जाती है |
- चुम्बकीय क्षेत्र रेखायें एक बंद वक्र बनाती है | Note – विद्युत क्षेत्र रेखाये बंद वक्र नहीं बनाती है |
- चुम्बकीय क्षेत्र रेखायें कभी भी एक दूसरे को नहीं काटती है |
- चुम्बकीय क्षेत्र रेखा के किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र (B) की दिशा बताती है |
- जहाँ पर चुम्बकीय क्षेत्र रेखायें पास – पास होती है वहाँ पर चुम्बकीय क्षेत्र प्रबल होता है | और जहाँ पर ये रेखायें दूर – दूर रहती है वहाँ पर चुम्बकीय क्षेत्र दुर्बल होता है |
- उदासीन बिन्दु :- वह बिन्दु जहाँ पर कोई भी चुम्बकीय क्षेत्र रेखा नहीं होती है तो उस बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होने के कारण ऐसे बिन्दुओं को उदासीन बिन्दु कहते है |
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