चुम्बकीकरण एवं चुम्बकीय तीव्रता
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Toggleचुम्बकन तीव्रता (I)
किसी पदार्थ के प्रति एकांक आयतन में चुम्बकीय आघूर्ण चुम्बकन तीव्रता कहलाती है |
चुम्बकन तीव्रता = चुम्बकीय आघूर्ण / आयतन
मात्रक –
विमा –
चुम्बकन क्षेत्र [H] :-
वह क्षेत्र जिसमें किसी पदार्थ को रखने पर वह चुम्बकीय हो जाता है | उस क्षेत्र को चुम्बकन क्षेत्र कहते है | या ” प्रति एकांक लम्बाई में फेरों की संख्या तथा लपेटी गई कुण्डली में प्रवाहित धारा का गुणनफल चुम्बकन क्षेत्र कहलाता है |”
H = ni
निर्वात में परिनालिका के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र –
माध्यम में परिनालिका के अंदर चुम्बकीय क्षेत्र –
आपेक्षिक चुम्बकशीलता (पारगम्यता) :-
समीकरण (1) से
समीकरण (2) से –
समीकरण (3) व (4) से –
यहाँ आपेक्षिक चुम्बकशीलता (पारगम्यता) है |
चुम्बकन प्रवृति () :-
अल्प चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकन तीव्रता (I) व चुम्बकन क्षेत्र (H) के समानुपाती होती है |
यहाँ समानुपाती स्थिरांक है इसे चुम्बकन प्रवृति कहते है |
यदि H = 1 Amp/m हो तो –
किसी पदार्थ के इकाई मान में चुम्बकन क्षेत्र द्वारा प्रेरित चुम्बकन तीव्रता उस पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति कहलाती है |