विद्युत बल रेखाएं / Electric Field Lines
खोजकर्त्ता – माइकल फैराडे
वैद्युत क्षेत्र में एकांक आवेश द्वारा तय किए गए पथ को दर्शाने वाली रेखाएँ विद्युत बल रेखाएँ कहलाती है | ये रेखाएँ काल्पनिक होती है |
गुण-विद्युत बल रेखाओं के निम्नलिखित गुण हैं-
(1) विद्युत बल रेखायें धन आवेश से चलकर ऋणावेश पर समाप्त होती हैं।
(2) विद्युत बल रेखाओं के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की दिशा को इंगित करती है।
(3) बल रेखायें परस्पर काटती नहीं हैं क्योंकि यदि दो बल रेखायें काटती हैं तो कटान बिन्दु पर दो स्पर्श रेखायें दो परिणामी विद्युत क्षेत्र को व्यक्त करेंगी जो कि सम्भव नहीं है। अतः बल रेखाओं का काटना सम्भव नहीं है।
(4) विपरीत प्रकृति के आवेशों में ये रेखायें खिंची हुई लचकदार डोरी की तरह लम्बाई में सिकुड़ने का प्रयत्न करती हैं। यह आकर्षण का परिचायक है।
(5) सजातीय आवेशों में ये रेखायें अपनी लम्बवत दिशा में एक-दूसरे से हटने का प्रयास करती हैं। यह प्रतिकर्षण का परिचायक है।
(6) बल रेखायें आवेशित चालक की पृष्ठ से समकोण बनाती हुई या तो प्रारम्भ हैं या फिर एकत्रित होती हुई प्रदर्शित होती हैं।
(7) एक समान विद्युत क्षेत्र में बल रेखायें समान्तर तथा समान दूरी पर होती हैं।
(8) किसी चालक के भीतर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है अर्थात् विद्युत बल रेखाएँ नहीं होती हैं।
(9) विद्युत बल रेखाएँ धन आवेश से ऋण आवेश की ओर जाती हैं लेकिन ऋण आवेश से धन आवेश की ओर नहीं जा सकती हैं। अतः विद्युत बल रेखाएँ संवृत पाश (closed loop) नहीं बनाती हैं।