राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9.6 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में राज्य की 11 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। राजस्थान के इस क्षेत्र में राज्य के चार जिले कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़ सम्मिलित है।इस पठारी भग की प्रमुख नदी चम्बल नदी है और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिद्ध, परवन, निवाज, इत्यादि भी है। इस पठारी भाग की नदीयां है। इस क्षेत्र में वर्षा का औसत 80 से 100 से.मी. वार्षिक है। राजस्थान का झालावाड़ जिला राज्य का सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाला जिला है और यह राज्य का एकमात्र अति आन्र्द्र जिला है। इस क्षेत्र में मध्यम काली मिट्टी की अधिकता है। जो कपास, मूंगफली के लिए अत्यन्त उपयोगी है। यह पठारी भाग अरावली और विध्यांचल पर्वत के बीच “सक्रान्ति प्रदेश” है।
दक्षिणी-पूर्वी पठारी भाग को दो भागों में बांटा गया है।
हाडौती का पठार – कोटा, बूँदी, बांरा, झालावाड़
विन्ध्यन कगार भूमि – धौलपुर. करौली, सवाईमाधोपुर
पठार की परिभाषा-
➧पर्वतों से नीचे वाला भाग तथा जमीन से उपर वाला भाग जिसकी आकृति मैदान की तरह सपाट होती है उसे पठार कहते है।
मालवा का पठार-
➧मालवा के पठार की उत्पत्ती ज्वालामुखी के लावा से हुआ है इसीलिए मालवा के पठार को लावा का पठार भी कहते है।
राजस्थान के पठारों के उपनाम या अन्य नाम-
1. लावा का पठार
2. हाड़ौती का पठार
1. लावा का पठार-
➧राजस्थान के पठारों को लावा का पठार भी कहते है।
2. हाड़ौती का पठार-
➧राजस्थान के पठारों को हाड़ौती का पठार भी कहते है क्योकी राजस्थान के पठार का मुख्य भाग हाड़ौती क्षेत्र के कोटा, बारा, बूंदी तथा झालावाड़ जिलों में पड़ता है।
हाड़ौती के पठार का उपनाम या अन्य नाम-
1. सक्रांति प्रदेश
1. सक्रांति प्रदेश-
➧राजस्थान का हाड़ौती का पठार अरावली तथा विंध्याचल पर्वतमाला (मध्य प्रदेश) को जोड़ने का कार्य करता है इसीलिए हाडौती के पठार को संक्राति प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है।
काली मिट्टी-
➧हाड़ौती के पठार की तथा मालवा के पठार की मिट्टी काली मिट्टी है।
➧काली मिट्टी कपास, सोयाबीन, अफीम तथा संतरा जैसी फसलों के लिए अत्यधिक उपयोगी मानी जाती है।
संतरों की नगरी-
➧राजस्थान में संतरों की नगरी झालावाड़ को कहते है।
वर्षा–
➧राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा पठारी प्रदेश में होती है।
➧राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला जिला झालावाड़ है।
नदियां-
➧राजस्थान में सर्वाधिक नदियां पठारी प्रदेश में पायी जाती है।
हाड़ौती के पठार का क्षेत्रफल-
➧हाड़ौती का पठार राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 6.89 प्रतिशत क्षेत्रफल पर फैला हुआ है।
जनसंख्या-
➧राजस्थान की लगभग 11 प्रतिशत जनसंख्या हाड़ौती के पठार में निवास करती है।
हाड़ौती के पठार के भाग-
➧हाड़ौती के पठार को कुल दो भागों में बाटा गया है। जैसे-
1. विंध्यन कगार भूमि
2. दक्कन का पठार
1. विंध्यन कगार भूमि-
➧राजस्थान के पूर्वी जिलों जैसे धौलपुर, करौली, सवाई माधौपुर तथा बूंदी जिलों में विस्तरित बड़े-बड़े बालुका स्तूप (बलुआ पत्थरों) से निर्मित क्षेत्र को विंध्यन कगार भूमि कहते है।
प्रसिद्ध बालूका स्तूप या बलुआ पत्थर-
(1) लाल बलुआ पत्थर
(2) गुलाबी बलुआ पत्थर
(3) सलेटी बलुआ पत्थर
(1) लाल बलुआ पत्थर-
➧लाल बलुआ पत्थर राजस्थान राज्य के धौलपुर जिले से निकलता है।
(2) गुलाबी बलुआ पत्थर-
➧गुलाबी बलुआ पत्थर राजस्थान राज्य के करौली जिले से निकलता है।
(3) सलेटी बलुआ पत्थर-
➧सलेटी बलुआ पत्थर राजस्थान राज्य के बूंदी जिले से निकलता है।
2. दक्कन का पठार-
➧राजस्थान के कोटा, बारा, बूंदी तथा झालावाड़ जिलों में विस्तरित क्षेत्र को दक्कन का पठार कहते है।
उच्च गंगाधर डाब क्षेत्र-
➧उच्च गंगाधर डाब क्षेत्र राजस्थान राज्य के झालावाड़ जिले में फैला हुआ है।
राजस्थान के प्रसिद्ध पठार या राजस्थान के प्रमुख पठार-
1. उड़िया का पठार (माउंट आबू, सिरोही, राजस्थान)
2. आबू का पठार (माउंट आबू, सिरोही, राजस्थान)
3. भोराठ का पठार (राजसमंद-उदयपुर, राजस्थान)
4. उपरमाल का पठार (चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा, राजस्थान)
5. लसाडिया का पठार (उदयपुर-प्रतापगढ़, राजस्थान)
6. मेसा का पठार (चित्तौड़गढ़, राजस्थान)
7. कांकनबाड़ी का पठार (अलवर, राजस्थान)
8. मानदेसरा का पठार (भैंसरोड़गढ़, चित्तौड़गढ़, राजस्थान)
9. छप्पन का पठार (बाड़मेर, राजस्थान)
राजस्थान के प्रसिद्ध पठार विस्तार पूर्वक-
1. उड़िया का पठार (माउंट आबू, सिरोही, राजस्थान)-
➧उड़िया का पठार राजस्थान का सबसे बड़ा पठार है।
➧उड़िया का पठार राजस्थान का सबसे ऊंचा पठार है।
➧उड़िया के पठार की कुल ऊंचाई 1360 मीटर (1200 मीटर + 160 मीटर = 1360 मीटर) है।
➧उड़िया का पठार राजस्थान राज्य के सिरोही जिले की माऊंट आबू नामक जगह पर स्थित है।
2. भोराठ का पठार (राजसमंद-उदयपुर, राजस्थान)-
➧भोराठ का पठार राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले की कुंभलगढ़ नामक जगह से लेकर राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले की गोगुंदा नामक जगह तक फैला हुआ है। (ऊँचाई – 1224 मीटर)
3. आबू का पठार (माउंट आबू, सिरोही, राजस्थान)-
➧आबू का पठार राजस्थान का तीसरा सबसे ऊंचा पठार है।
➧आबू के पठार की कुल ऊंचाई 1200 मीटर है।
➧आबू का पठार राजस्थान राज्य के सिरोही जिले की माऊंट आबू नामक जगह पर स्थित है।
➧आबू के पठार पर राजस्थान का सिरोही नामक शहर स्थित है।
4. उपरमाल का पठार (चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा, राजस्थान)-
➧उपरमाल का पठार राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले की भैंसरोड़गढ़ नामक जगह से लेकर राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा जिले की बिजोलिया नामक जगह तक फैला हुआ है।
5. लसाडिया का पठार (उदयपुर-प्रतापगढ़, राजस्थान)-
➧लसाडिया का पठार राजस्थान राज्य के उदयपुर जिले में स्थित जयसमंद झील से लेकर राजस्थान राज्य के प्रतापगढ़ जिले तक फैला हुआ है।
6. मेसा का पठार (चित्तौड़गढ़, राजस्थान)-
➧मेसा का पठार राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है।
➧मेसा के पठार की औसत ऊंचाई 620 मीटर है।
➧मेसा के पठार पर चित्तौड़गढ़ का किला स्थित है।
7. कांकनबाड़ी का पठार (अलवर, राजस्थान)-
➧कांकनबाड़ी का पठार राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित है।
8. मानदेसरा का पठार (भैंसरोड़गढ़, चित्तौड़गढ़, राजस्थान)-
➧मानदेसरा का पठार राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले की भैंसरोड़गढ़ नामक जगह पर स्थित है।
9. छप्पन का पठार (बाड़मेर, राजस्थान)-
➧छप्पन का पठार राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले में स्थित है।
विशेष-
1. पामीर का पठार
2. तिब्बत का पठार (तिब्बत. चीन)
3. लद्दाख का पठार (जम्मू-कश्मीर, भारत)
4. दक्कन का पठार (भारत)
5. कर्नाटक का पठार (कर्नाटक, भारत)
1. पामीर का पठार-
➧पामीर का पठार विश्व का सबसे ऊंचा पठार है।
पामीर के पठार के उपनाम या अन्य नाम-
(1) पामीर की गाँठ
(2) विश्व की छत (Roof of The World)
(1) पामीर की गाँठ-
➧पामीर के पठार को पामीर की गाँठ भी कहते है।
(2) विश्व की छत (Roof of The World)-
➧पामीर के पठार को विश्व की छत (Roof of The World) भी कहते है।
2. तिब्बत का पठार (चीन)-
➧तिब्बत का पठार क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा पठार है।
➧तिब्बत का पठार तिब्बत (चीन) में स्थित है।
➧तिब्बत की राजधानी ल्हासा है।
➧तिब्बत की राजधानी ल्हासा बौद्ध धर्म के लिए प्रसिद्ध है।
3. लद्दाख का पठार (जम्मू-कश्मीर, भारत)-
➧लद्दाख का पठार भारत का सबसे ऊंचा पठार है।
➧लद्दाख का पठार भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित है।
4. दक्कन का पठार (भारत)-
➧दक्कन का पठार क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा पठार है।
➧दक्कन के पठार का विस्तार भारत के कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश राज्यों में पड़ता है।
5. कर्नाटक का पठार (कर्नाटक, भारत)-
➧कर्नाटक का पठार भारत का सबसे प्राचीन पठार माना जाता है।
➧कर्नाटक का पठार भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है।