राजस्थान की भू-आकृति की उत्पत्ति |
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👉विषमकोण चतुर्भुज या पतंगाकार- ➯राजस्थान की स्थल आकृति विषमकोण चतुर्भुज या पतंगाकार जैसी है जो की वेगनर सिद्धांत पर आधारित है। 👉वेगनर का सिद्धांत- ➯सन् 1912 में महाद्वीपों की उत्पत्ति से संबंधित जर्मनी को प्रसिद्ध भू वैज्ञानिक अल्फ्रेड वेगनर ने एक सिद्धांत दिया था जिसे वेगनर सिद्धांत या महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत कहते है। 👉वेगनर सिद्धांत के अनुसार निम्नलिखित महाद्वीपों की उत्पत्ति हुई थी। ➯पैंजिया पर्वत विखंडित होकर दो भागों में बट गया जैसे- 1. उत्तरी भाग- उत्तरी भाग को अंगारालैंड कहा गया। 2. दक्षिणी भाग- दक्षिणी भाग को गोंडवाना लेंड कहा गया। 👉अंगारालैंड से निम्नलिखित महाद्वीपों की उत्पत्ति हुई- 1. एशिया महाद्वीप 2. यूरोप महाद्वीप 3. उत्तरी अमेरिका महाद्वीप 👉गोंडवाना लेंड से निम्नलिखित महाद्वीपों की उत्पत्ति हुई- 1. प्रायद्वीपीय भारत 2. ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप 3. दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप 4. अफ्रिका महाद्वीप 5. अंटार्कटिका महाद्वीप ➯राजस्थान के उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थल तथा पूर्वी मैदान की उत्पत्ति टेथिस सागर से मानी जाती है। |