गुप्त साम्राज्य के पतन के साथ ही उत्तर भारत की राजनितिक शक्ति का केंद्र बिंदु पाटलिपुत्र के स्थान पर कन्नौज (उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में ) हो गया |
आठवीं शताब्दी के मध्य में भारत के तीन कोनो में तीन शक्तिशाली राजवंशो का उदय हुआ |
दक्षिण में राष्ट्रकूट, पूर्व में पाल एवं उत्तरी भारत में गुर्जर – प्रतिहार |
कन्नौज पर आधिपत्य के लिए इन तीनों महाशक्तियों के मध्य हुए संघर्ष को ‘त्रिपक्षीय संघर्ष ‘ कहा जाता है |
इसकी शुरुआत प्रतिहार नरेश वत्सराज ने कन्नौज के शासक इंद्रायुद्ध को पराजित करके की एवं अंतत: प्रतिहार इसमें सफल हुए |
प्रतिहार शासक नागभट्ट द्वितीय ने 816 ई. में कन्नौज के शासक चक्रायुद्ध को हराकर कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया |
एवं 100 वर्ष से चले आ रहे इस संघर्ष को विराम दिया |