लेंज का नियम

इस नियमानुसार – किसी परिपथ में प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार होती है कि वह उस कारण का विरोध कर सके जिसके कारण वह स्वयं उत्पन्न हुई है | 

या 

विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की प्रत्येक अवस्था में किसी परिपथ में प्रेरित वि. वा. बल की दिशा सदैव इस प्रकार होती है की वह उस कारण का विरोध करती है जिसके कारण उसकी उत्पत्ति हुई है | 

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N फेरों के लिए  

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यहाँ पर ऋणात्मक चिह्न यह व्यक्त करता है कि प्रेरित विद्युत वाहक बल उस कारण (फ्लक्स में परिवर्तन) का विरोध करता है जिसके कारण इसकी उत्पत्ति हुई है | 

नोट – यह नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है | 

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